अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के दैनिक श्रमिक अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। वर्षों से कार्यरत इन श्रमिकों को संस्थान द्वारा निकाले जाने का भय सता रहा है। इसके साथ ही, उनकी सेवा को हर वर्ष एक दिन के लिए रोके जाने का नियम लागू किया जा रहा है, जिसे ‘सर्विस ब्रेक’ कहा जा रहा है। श्रमिकों का कहना है कि अब तक इस तरह का कोई नियम लागू नहीं था, फिर अब ऐसा फैसला क्यों लिया जा रहा है। इस आंदोलन को अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी ने अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि इन श्रमिकों में कई 25, 20 और 15 वर्षों से संस्थान में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें हटाया गया, तो उम्र के इस पड़ाव में उनके परिवारों का भरण-पोषण संकट में आ जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अब तक ‘सर्विस ब्रेक’ का कोई नियम नहीं था, तो अब इस तरह का भयावह माहौल क्यों बनाया जा रहा है। विधायक तिवारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के ये श्रमिक अपनी सीमित आय से परिवार चला रहे हैं। ऐसे में संस्थान को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन श्रमिकों पर पुराने नियम ही लागू करने चाहिए, जो वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रमिकों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।