रामेश्वरम (तमिलनाडु), श्रीलंकाई नौसेना द्वारा सीमा पार से मछली पकडऩे के आरोप में पंबन क्षेत्र से 14 मछुआरों को गिरफ्तार किए जाने से भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों का मुद्दा फिर से गरमा गया है. रामेश्वरम मछुआरा संघ के अनुसार गिरफ्तार किए गए मछुआरों को जांच के लिए मन्नार नौसैनिक अड्डे पर ले जाया गया है.यह घटनाक्रम पिछले महीने 23 फरवरी को हुई एक समान घटना के बाद सामने आया है, जिसमें श्रीलंकाई अधिकारियों ने द्वीप राष्ट्र के जलक्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था और उनकी पांच नौकाएं जब्त कर ली थीं. श्रीलंकाई नौसेना ने एक बयान जारी कर बताया था कि इन मछुआरों को मन्नार के उत्तर में एक विशेष अभियान के दौरान पकड़ा गया था.इन ताजा गिरफ्तारियों के साथ, इस साल अब तक लगभग 150 भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है और 18 नौकाएं जब्त की गई हैं. यह आंकड़ा चिंताजनक है और दोनों देशों के बीच मछुआरों के मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है.
मछुआरों का मुद्दा भारत और श्रीलंका के बीच लंबे समय से एक विवादास्पद विषय रहा है. पाक जलडमरूमध्य क्षेत्र में मछली पकडऩे को लेकर दोनों देशों के मछुआरों के बीच अक्सर टकराव होता रहता है. अतीत में, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा कथित तौर पर भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी करने और उनकी नौकाओं को जब्त करने की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे तनाव और बढ़ गया है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह गठित करने का आग्रह किया है.
स्टालिन ने अपने पत्र में कहा, मैं यह पत्र गहरी पीड़ा के साथ लिख रहा हूं, क्योंकि हाल के दिनों में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों को पकड़े जाने की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है… इसलिए मैं एक बार फिर इस लंबे समय से लंबित मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने के लिए संयुक्त कार्य समूह को तुरंत बुलाने के अपने पिछले अनुरोध को दोहराता हूं. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन आशंकाओं के कारण हमारे मछुआरों के परिवारों की आजीविका गंभीर रूप से प्रभावित हुई है.