जयपुर , एंटी करप्शन ब्यूरो ने जयपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को तडक़े अधीक्षण अभियंता अविनाश शर्मा के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। एसीबी की दर्जनभर टीमों ने जयपुर के कई प्रमुख इलाकों में छानबीन जारी रखी है।एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञान प्रकाश नवल के अनुसार गोपनीय जांच और सत्यापन में यह सामने आया कि अविनाश शर्मा ने सरकारी सेवा में रहते हुए अपनी आय से 253त्न अधिक, यानी लगभग 6.25 करोड़ रुपए की संपत्तियां अर्जित की हैं। शर्मा ने जयपुर के गोपालपुरा मोड़, मानसरोवर, सांगानेर, पृथ्वीराज नगर, जगतपुरा, प्रतापनगर और रिंग रोड के आसपास 25 से अधिक कॉलोनियों में 50 से ज्यादा संपत्तियां खरीदीं। इन संपत्तियों के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं।
एसीबी के प्रवक्ता ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि छ्वष्ठ्र में तैनाती के दौरान अविनाश शर्मा ने गृह निर्माण समितियों और बिल्डरों को फायदा पहुंचाया। इसके बदले उन्होंने बेहद कम कीमतों पर भूखंड हासिल किए, जिनकी बाजार में कीमत करोड़ों रुपए है।
बैंक खातों, निवेश और संपत्तियों का ब्यौरा:
अविनाश शर्मा और उनके परिवार के 7 बैंक खातों में करीब 30 लाख रुपए मिले। उनकी पुत्रियों की स्कूलिंग, कोचिंग और उच्च शिक्षा पर लगभग 50 लाख रुपए खर्च किए गए, जिसमें मणिपाल यूनिवर्सिटी और पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शामिल है।
म्यूचुअल फंड निवेश:
करीब 90 लाख रुपए का निवेश मिला। उन्होंने चौपहिया और दोपहिया वाहनों की खरीद पर करीब 25 लाख रुपए खर्च किए। इन ठिकानों पर ्रष्टक्च की छापेमारी जारी: मकान नंबर 157, हिम्मत नगर, गोपालपुरा मोड़, जयपुर। कार्यालय, अधीक्षण अभियंता, जयपुर विकास प्राधिकरण (छ्वष्ठ्र)। प्लॉट नंबर 10.21, कीर्ति सागर, बदरवास, जयपुर (श्री रघुराम ढाबा)। प्लॉट नंबर 58, इनकम टैक्स कॉलोनी प्रथम, जगतपुरा, जयपुर। किंजल कॉलोनाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड, स््रष्टक्रश्वष्ठ ष्टह्ररुह्रहृढ्ढस्श्वक्रस् क्कङ्कञ्ज रुञ्जष्ठ, नीलकंठ रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड। सी-371, प्रधान मार्ग, मालवीय नगर, जयपुर। प्लॉट नंबर 75, राठी नगर, बदरवास, जयपुर।
भविष्य में और भी कई खुलासे संभव:
्रष्टक्च की टीम अभी भी विभिन्न दस्तावेजों और संपत्तियों की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि छ्वष्ठ्र में रहते हुए नियमों के खिलाफ जाकर कॉलोनियों के डेवलपर्स को फायदा पहुंचाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी के चलते छ्वष्ठ्र के विभिन्न जोन और कार्यालयों में तलाशी अभियान जारी है। इस कार्रवाई को राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। आगे की जांच में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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