बागनाथ मंदिर में पहुंचे तीन गांवों के होल्यार

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बागेश्वर। जिले में अब होली अपने शबाब पर है। गांवों में खड़ी और महिला होली की धूम मची हुई है, जबकि नगर क्षेत्र में महिलाओं की होली के साथ बैठकी होली का भी दौर जारी है। रातभर होल्यार विभिन्न रागों पर गुंथी होलियां गा रहे हैं। बुधवार को तीन गांवों के होल्यार बाबा बागनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने शिव के मन माही बसे काशी समेत कृष्ण-राधा की होलियां गांई। मालूम हो कि नौ मार्च को जिले में चीरबंधन के साथ खड़ी होली शुरू हुई। धीरे-धीरे होली का रंग लोगों पर चढ़ने लगा। प्रवासी भी धीरे-धीरे होली मनाने के लिए गांव पहुंचने लगे। बुधवार से होली अपने शबाब पर पहुंचने लगी है। मनकोट, छाती तथा पंत क्वैराली के होल्यार बागनाथ मंदिर पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले बाबा बागनाथ को अबीर गुलाल चढ़ाया और आशीर्वाद लिया। होल्यारों ने ये चूड़ी दरकानी वे, जोगी आयो शहर में व्यौपारी, मथुरा में खेलों एक खड़ी, मथुरा के ठाकुर हो हो हो खेलत है होरिया समेत कई गीतों का गायन किया। इस मौके पर विष्णु दत्त, प्रयाग दत्त, शेखर गुरुरानी, मोहन पांडा, नवीन चंद्र, गिरीश चंद्र, गोविन्द बल्लभ, नवीन चौबे, राम देव, ललित पांडा, सुरेश कांडपाल आदि मौजूद रहे। उधर ग्रामीण क्षेत्र में खड़ी होली गायन चरम पर है। होल्यार चीर लेकर घर-घर पहुंच रहे हैं। होली गायन के बाद उन्हें गुड़, आलू के गुटखे, चाय आदि परोसी जा रही है। रात को उस जगह पर होली गायन हो रहा है जहां चीर बंधन किया गया है। महिलाएं भी होली की टोली बनाकर घर-घर जा रही हैं। कई महिलाएं स्वांग रचने में भी पीछे नहीं रह रही हैं।

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