पेयजल संकट पर अभी से कमान संभाले डीएम

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– सचिव पेयजल ने जिलाधिकारियों को भेजा पत्र समय रहते गर्मियों में पेयजल संकट से निपटने की हो तैयारी
देहरादून। गर्मियों में पेयजल संकट से निपटने को शासन ने सभी जिलाधिकारियों से तत्काल कमान संभालने के निर्देश जारी कर दिए हैं। समय रहते गर्मियों में पेयजल संकट से निपटने की तैयारी करने के निर्देश दिए। सचिव पेयजल शैलेश बगोली ने समय रहते व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया।
सचिव पेयजल ने साफ किया कि पेयजल नलकूपों और पंम्पिंग योजनाओं पर नियमित रूप से पर्याप्त वोल्टेज के साथ बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। निर्माण और अन्य कार्यों में एसटीपी से ट्रीटमेंट किए पानी का उपयोग करने के निर्देश दिए। पाइप लाइनों को दुरूस्त रखा जाए। पिछले सालों की स्थिति को देखते हुए विभाग किसी भी तरह के संभावित पेयजल संकट से निपटने को चौकस है।अप्रैल महीने के पहले पखवाड़े में अभियान चलाकर पाइप लाइनों की लीकेज की मरम्मत करवाई जाए। संबंधित विभाग आपसी समन्वय से इस दिशा में काम करें। यात्रा रूट सहित अन्य क्षेत्रों में टीएसपी जलाशय और अन्य प्रकार की जल संरचनाओं की विधिवत सफाई सुनिश्चित कराई जाए। सभी वाहन सर्विस सेंटरों में पेयजल के नुकसान को रोकने को ड्राई वाश, रिसाइक्लिंग की जाए। टैंकरों से जलापूर्ति को फिलिंग प्वाइंट में टैंकर वितरण व्यवस्था का हर रोज निरीक्षण किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि टैंकरों की सफाई, पेंटिंग, लीकेज मरम्मत आदि सुचारू हो। जल की गुणवत्ता का भी प्राथमिकता से ध्यान रखा जाए।

पेयजल शिकायतों के लिए कंट्रोल रूम
सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल की शिकायतों के त्वरित समाधान को जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जाए। कंट्रोल रूम में उपभोक्ताओं की शिकायतों का पूरा ब्यौरा उनसे हुई वार्ता के साथ दर्ज किया जाएगा। इस बात की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी कि उपभोक्ता की शिकायत का निस्तारण हो रहा है या नहीं।

फायर हाइडेंट क्रियाशील अवस्था में हों
गर्मियों में आग लगने का खतरा बना रहता है, इसे देखते हुए अग्निशमन को लगे फायर हाइड्रेटों को नियमित रूप से क्रियाशील अवस्था में रखने के निर्देश जारी किए गए। इंतजामों की जांच को अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा।

पेयजल के दुरुपयोग पर लगेगी रोक
पेयजल के दुरुपयोग पर भी रोक लगाने के आदेश जारी किए गए। पीने के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग प्रतिबंधित होगा। इसके लिए एसटीपी के पानी का इस्तेमाल होगा। पानी निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।

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