शादियों में बस 50 लोग ही पहुंचें, इसके लिए क्या कदम उठाए? दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा ये सवाल
नई दिल्ली, एजेंसी। शादी समारोहों में शामिल होने वाले मेहमानों की संख्या फिर से कम करके 50 किए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केजरीवाल सरकार से पूछा कि इस नियम को कैसे लागू किया जा रहा है और इसे लागू करने के लिए क्या प्रोटोकल बनाए गए हैं, क्योंकि इस सीजन में बड़ी संख्या में विवाह समारोह होते हैं।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस और प्रशासन कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन के मामले में नकद जुर्माना वसूलने से बचें और श्आपश् सरकार इसके लिए एक पोर्टल बनाए।
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि मौजूदा हालात में नकद लेन-देन से बचने की जरूरत है और जुर्माना भुगतान के लिए ई-माध्यमों का उपयोग किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि जुर्माना भरने के लिए अगर पहले से पोर्टल उपलब्ध नहीं है तो श्आपश् सरकार को इसके लिए पोर्टल बनाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने कहा- दिल्ली में कोरोना संक्रमण की स्थिति खतरनाक व चिंताजनक
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि उसने जुर्माने से वसूली गई इतनी बड़ी रकम का क्या किया है। साथ ही अदालत ने सलाह दी कि इस धन राशि का उपयोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में किया जाए।
दिल्ली सरकार के यह बताने पर कि राजधानी में रोजाना 40,000 आरटीध्पीसीआर टेस्ट हो रहे हैं, अदालत ने कहा कि उसके बार-बार कहने और बड़ी संख्या में जनहानि के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
अदालत वकील राकेश मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने दिल्ली में बड़ी संख्या में कोविड-19 की टेस्ट कराने और टेस्ट रिपोर्ट जल्दी देने का अनुरोध किया था।