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मोटरमार्ग के रुप में विकसित हो त्रिजुगीनारायण पैदल मार्ग

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नई टिहरी। चारधाम यात्रा मार्ग को सुगम बनाने के लिये भटवाड़ी-बूढ़ाकेदार-घुत्तू-त्रिजुगीनारायण संघर्ष समिति की बैठक बूढ़ाकेदार मंदिर में आयोजित की गई। बैठक में मोटरमार्ग को त्वरित गति देने के लिये शासन से प्रशासन स्तर पर रणनीति तय की गई। शुक्रवार को बूढ़ाकेदार मंदिर में बूढ़ाकेदार-विनयखाल-घूत्तू-त्रिजुगीनारायण मोटरमार्ग को त्वरित गति देने के लिये भिलंग, बासर, थाती पट्टी के जनप्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों की बैठक हुई। बैठक में वक्ताओें ने कहा कि बूढ़ाकेदार-विनायखाल-घूत्तु- त्रिजुगीनारायण मोटरमार्ग वर्षों पूर्व पैदल यात्रा मार्ग था। जिसमे चार धाम जाने वाली कांवड़ यात्री सहित पैदल यात्री इस पौराणिक पैदल मार्ग से यात्रा करते थे, लेकिन अब इस पैदल यात्रा मार्ग को मोटरमार्ग में तब्दील करने को लेकर भटवाड़ी-बूढ़ाकेदार-घुत्तू-त्रिजुगीनारायण संगर्ष समिति लगातार प्रयास कर रही है। समिति सदस्यों का कहना है कि इस मोटरमार्ग बनने से चार धाम की दूरी कम होने के साथ ही बॉर्डर क्षेत्र की सड़कों के साथ यह एक सुगम मोटरमार्ग बनाया जा सकेगा। कहा कि 2013 की आपदा के वक्त सारे मोटरमार्ग आपदा की भेंट चढ़ गये थे, यदि उस समय यह मोटरमार्ग बना होता तो यात्रियों को आपदा से बाहर निकाल लिया जाता। बैठक अध्यक्ष सुंदर सिंह कठैत ने कहा कि स्व. इंद्रमणि बडोनी भी चाहते थे, कि इस मोटरमार्ग बनने से जंहा यात्रा सुगम होगी, वहीं सहस्ताल, बूढ़ाकेदार मंदिर, मासरताल, ज्वालामुखी मंदिर जैसे रमणीक स्थल पर्यटन से जुड़ेंगे। बैठक में भूपेंद्र नेगी, गिरीश नौटियाल, धनपाल नेगी, हिम्मत रौतेला, भजन रावत, किशन सिंह, सतीश रतूड़ी, सुंदर सिंह राणा, नरेश तिवारी, अमनदीप भट्ट, शिव सिंह रौथाण, जयप्रकाश बसलियाल, नरेश, हरीश, कमलनयन सेमल्टी, ज्वाला प्रसाद सेमवाल, चंदर कंडारी, भागवत कंसवाल, जयप्रकाश राणा आदि मौजूद रहे।

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