सीमा पर संघर्ष, २० भारतीय सैनिक शहीद
नई दिल्ली,एजेंसी। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अतिक्रमण को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच जारी तनातनी ने सोमवार की रात हिंसक झड़प का गंभीर रूप अख्तियार कर लिया। मंगलवार को दिन में न्यूज एजेंसी एएनआइ व पीटीआइ ने एक कर्नल समेत 3 भारतीय जवानों के शहीद होने की जानकारी दी थी। अब रात करीब 10 बजे न्सेना के सूत्रों के हवाले से 20 भारतीय जवानों के शहीद होने का दावा किया है। हालांकि सेना या सरकार की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 43 चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबर है।
गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की सहमति के मुद्दे से पलटने के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से जबरदस्त झड़प हुई। एलएसी पर हुई इस हैरतअंगेज घटना में भारत के दर्जन भर से अधिक सैनिक गंभीर रुप से घायल हैं। जबकि इसमें चीन के भी पांच सैनिकों के मारे जाने और दर्जन भर के घायल होने की खबरें हैं। लेकिन चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या को लेकर अब भी चुप्पी साध रखी है।
वहीं इस घटना के लिए भारतीय सैनिकों पर एलएसी का अतिक्रमण करने के चीन के आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने साफ कर दिया कि तनाव घटाने के लिए वह बातचीत को राजी है मगर चीन की ऐसी हरकतों का भी भारत माकूल जवाब देगा। इस रुख के जरिये भारत ने चीन को एक तरह से साफ संदेश दे दिया है कि सैन्य बल की ताकत के सहारे सीमा विवाद को नये सिरे से लिखने की चीन की चालबाजी उसे कतई स्वीकार नहीं होगी।
सैन्य सूत्रों के अनुसार सोमवार रात गलवान घाटी में इस हिंसक झड़प की शुरूआत चीनी सैनिकों के रुख बदलने से हुई। मोर्चे पर दोनों सेनाओं के बीच बनी सहमति के अनुरूप चीनी सैनिक गलवन घाटी से निकलने पर राजी हो गए, लेकिन कुछ ही देर बाद पलट कर भारतीय सैनिकों पर पत्थरों से हमला करने लगे और इस दौरान भारतीय बटालियन की कमान संभाल रहे अफसर और कुछ जवान गंभीर रुप से जख्मी हो गए। भारतीय सैनिकों ने भी तब जवाबी प्रहार करते हुए चीनी सैनिकों पर इसी अंदाज में उन पर धावा बोला।
सूत्रों के अनुसार पत्थरबाजी और लाठी-डंडे के अलावा दोनों देशों के सैनिक शारीरिक रूप से भी कई घंटों तक एक दूसरे से झड़प करते रहे और देर रात यह संघर्ष थमा। लेकिन इस दरम्यान भारत के 10 सैनिक शहीद हो गए तो चीन के भी पांच सैनिक मारे गए। गलवन घाटी में चीन की इस हरकत के पीटे एलएसी पार कर इस इलाके में कब्जा करने की उसकी नीयत रही, जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया। दरअसल, गलवन घाटी 1962 से ही भारत के आधिपत्य में है जिसे चीन भी मानता रहा है। लेकिन अब चीन गलवन घाटी को भी एलएएसी के विवाद में लाना की चालबाजी में जुटा है।
बीते पांच मई से लद्दाख सीमा चीनी अतिक्रमण से पैदा हुए गतिरोध को दूर करने के लिए वार्ता चल रही है, जिसमें 6 जून को दोनों देशों के शीर्ष कमांडर स्तर तक हुई वार्ता काफी अहम रही थी। इसमें बातचीत से गतिरोध का हल निकालने की सहमति बनी थी मगर गलवन घाटी में चीन ने इस सहमति को तोड़ा है। इतना ही नहीं चीनी विदेश मंत्री ने तो उलटे भारत पर एलएसी का अतिक्रमण का आरोप जड़ दिया, जिसे भारतीय विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया।
भारत-चीन में सीमा विवाद पर साढ़े चार दशक बाद पहली बार खूनी संघर्ष
भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प की यह घटना इस लिहाज से असाधारण है क्योंकि 45 सालों बाद पहली बार सीमा विवाद में एलएसी पर ऐसी घटना हुई है। भारतीय सेना की ओर से गलवन घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हुई झड़प में भारत के एक सैन्य अफसर और दो जवानों की शहादत की बात कही गई। साथ ही भारतीय सेना ने चीनी पक्ष के भी इसमें हताहत होने की बात कही। भारतीय सेना ने यह भी कहा कि गलवन में हुई इस झड़प और एलएसी की मौजूदा परिस्थिति पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारी आपसी बातचीत कर रहे हैं ताकि आमने-सामने के तनाव का समाधान निकाला जा सके। सैन्य सूत्रों के अनुसार चीन के चार से पांच सैनिक इसमें मारे गए हैं। चीन सरकार के मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स के मुख्य संपादक ने अपने सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि तो की मगर संख्या की जानकारी नहीं दी।