हिंसक विरोध-प्रदर्शन और भड़काऊ पोस्ट करने से पहले रहें सावधान
नई दिल्ली,एजेंसी। यदि आप किसी हिंसक विरोध-प्रदर्शन का हिस्सा बनते हैं या सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करते हैं तो सावधान हो जाइए। यदि आपके अराजक प्रदर्शन या पोस्ट से विधि व्यवस्था बिगड़ती है और सरकारी संपत्ति का नुकसान होता है या इससे देश विरोधी त्य प्रकट होता है तो पुलिस द्वारा आपका आचरण प्रमाण पत्र खराब किया जा सकता है। इससे आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा।
अभी हाल में बिहार और उत्तराखंड सरकार ने फरमान जारी कर स्पष्ट निर्देश दिया है। बिहार में जहां सरकारी नौकरी मिलने में समस्या होगी वहीं उत्तराखंड में पासपोर्ट बनवाना मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि इससे पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान कर उनसे नुकसान की भरपाई करवा चुकी है।
नीतीश कुमार सरकार ने एक नया फरमान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि अगर राज्य में कोई प्रदर्शन करता है तो फिर पुलिस के द्वारा उसका आचरण प्रमाण पत्र खराब किया जा सकता है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसके सिंघल की ओर से जारी किए गए इस फरमान में कहा गया है कि सरकारी ठेका, सरकारी नौकरी, हथियार का लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन लेना आवश्यक है।
इस पत्र में डीजीपी एसके सिंघल ने कहा है कि यदि कोई राज्य में प्रदर्शन के दौरान अपराधिक घटना को अंजाम देता है और ऐसा करने के लिए अगर पुलिस द्वारा उसे चार्जशीट किया जाता है तो इसके बारे में संबंधित व्यक्ति के चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में इस बात का जिक्र होना चाहिए। बिहार पुलिस के नए फरमान के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी विधि व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामले में संलिप्त होकर किसी आपराधिक त्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पत्र जारी किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए।
वहीं इंटरनेट मीडिया पर अब राष्ट्र विरोधी पोस्ट करना महंगा पड़ेगा। उत्तराखंड पुलिस ऐसे व्यक्तियों का रिकार्ड रखेगी और भविष्य में जब वह पासपोर्ट या आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं तो सत्यापन कार्रवाई में इसका भी उल्लेख किया जाएगा। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया मंचों के बढ़ते दुरुपयोग को रोकने के लिए पासपोर्ट आवेदनकर्ताओं के सोशल मीडिया व्यवहार की जांच जैसे उपायों की जरूरत है।
उत्तराखंड पुलिस ने हाल ही में पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में पासपोर्ट आवेदनकर्ता के पुलिस वेरिफिकेशन प्रक्रिया के तहत उसके सोशल मीडिया व्यवहार की भी जांच करने का निर्णय लिया था। इस निर्णय को उचित ठहराते हुए कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग को रोकने के लिए इस उपाय की जरूरत है।