बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
नई दिल्ली, एजेंसी। बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है। अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दाखिल इस याचिका में आयोग के इस फैसले पर रोक लगाने के निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करता है। याचिका में बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान कथित रूप से धार्मिक नारे (जय श्री राम) लगाए जाने पर सीबीआइ को एफआइआर दर्ज करने के निर्देश देने की मांग भी की गई है क्योंकि इससे सद्भाव बिगड़ रहा है।
बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराने के आयोग के फैसले पर राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सवाल उठाया है। चुनाव तारीखों की घोषणा के तुरंत बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन कर चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के कहने पर ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने वही किया, जो भाजपा ने कहा। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया। इसके साथ ही उन्होंने बंगाली कार्ड भी खेला। कहा कि बंगाल में कोई बंगाली ही राज करेगा।
गौरतलब है कि बंगाल में हमेशा से कई चरणों में मतदान होता रहा है। 2016 में यहां सात चरणों में चुनाव हुआ था।ममता ने सवाल किया कि जब तीन राज्यो में एक चरण में और असम में तीन चरणों में चुनाव कराया जा रहा है तो बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराने का फैसला क्यों लिया गया? अन्य राज्यों की तरह बंगाल में भी एक ही चरण में मतदान क्यों नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के एक ही जिले में दो-तीन चरणों में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं, यह भाजपा ने जानबूझ कर करवाया है। उन्होंने दक्षिण 24 परगना जिले का जिक्र किया, जहां टीएमसी मजबूत है।
उन्होंने कहा कि टीएमसी की मजबूती के वजह है वहां तीन चरणों में मदतान कराने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन, भाजपा को बंगाल की जनता जवाब देगी। खेल जारी है, हम खेलेंगे और जीतेंगे। ममता ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार इस चुनाव में अपनी ताकत का बेजा इस्तेमाल नहीं कर सकती। हम अपनी लड़ाई लड़ लेंगे। ममता ने पीएम मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि आप पीएम के तौर पर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन भाजपा नेता के तौर पर ऐसा ना करें। यदि आपको लगता है कि बंगाल को आप दबा लेंगे तो हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम भगोड़े नहीं हैं, बल्कि हम जमीनी लोग हैं। हमें यहां की जमीनी हकीकत पूरी तरह पता है।