नैनीताल। कुमाऊं विवि के भीमताल परिसर स्थित जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को बॉयो इन्फॉरमैटिक्स पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसका विषय मॉलेक्यूलर मॉडलिंग एंड ड्रग डिजाइनिंग था। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कुलपति प्रो.एनके जोशी ने बॉयो इन्फॉरमैटिक्स के भारत में बढ़ते कदम एवं वर्तमान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बॉयो इन्फॉरमैटिक्स के महत्व के बारे में जानकारी दी। कुलपति ने बताया कि बॉयो इन्फॉरमैटिक्स को कम्प्यूटेशनल बॉयोलॉजी भी कहा जाता है। इसमें कम्प्यूटिंग तकनीकी का उपयोग करके बॉयो लॉजिकल डाटा एकत्र व संरक्षित करना और उसका विश्लेषण करना होता है। कम्प्यूटेशनल केमिस्ट्री के जरिए ड्रग डिजाइन व जीवों के बीच जेनेटिक डेटा की तुलना की जाती है। परिसर निदेशक प्रो.पीसी कविदयाल ने विद्यार्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में नित नए हो रहे आविष्कारों के बारे में बताया। डीएसबी परिसर विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो.एससी सती ने बॉयो इन्फॉरमैटिक्स के क्षेत्र में शोध कार्य पर जोर देने को कहा। स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साईंसेज जेएनयू दिल्ली के विषय विशेषज्ञ डॉ. एन सुब्बाराव ने मॉलेक्यूलर मॉडिलिंग एंड ड्रग डिजाइनिंग के क्षेत्र में इस्तेमाल की जाने वाली बॉयो इन्फॉरमैटिक्स की तकनीकी के बारे में बताया। अंत में जैव प्रौद्योगिक विभागाध्यक्ष डॉ. वीना पांडे ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया। यहां कुलसचिव दिनेश चंद्रा, वित्त अधिकारी एलआर आर्या, डॉ. अर्चना साह, डॉ. एलके सिंह, डॉ. तपन नैलवाल, डॉ ऋषेन्द्र कुमार, डॉ. संतोष उपाध्याय, डॉ. मयंक पांडे, डॉ.प्रवीण ध्यानी समेत विभिन्न क्षेत्रों से आए 80 प्रतिभागी मौजूद रहे।