ईंधन के दाम और उत्पादशुल्क में की गई बढ़ोतरी को जल्द वापस लेने की मांग की
बागेश्वर। कोरोना महामारी के बीच पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों ने आम आदमी की मुश्किलों को बढ़ा दिया
है। बढ़ती कीमतों से कांग्रेस पार्टी में भी केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा है। सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी
कार्यालय से डीएम कार्यालय तक पदयात्रा निकाली। प्रधानमंत्री और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। डीएम
के माध्यम से केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजकर पांच मार्च के बाद से ईंधन के दाम और उत्पादशुल्क में की गई बढ़ोतरी
को जल्द वापस लेने की मांग की। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष लोकमणि पाठक के नेतृतव में कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा निकाली।
विरोध प्रदर्शन में जुटे कार्यकर्ताओं ने कहा कि साल 2014 में भाजपा के सत्ता संभालते समय पेट्रोल पर साढ़े नौ और
डीजल पर 3.46 रुपया प्रति लीटर उत्पाद शुल्क था। पिछले छह सालों में सरकार ने इसे बढ़ाकर पेट्रोल पर 23.78 और
डीजल पर 28.37 रुपया प्रति लीटर कर दिया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जब कच्चे तेल के दामों में भारी
गिरावट हो रही थी। उस समय भी सरकार ने उत्पाद शुल्क को बढ़ाकर जनता से लगातार मुनाफाखोरी की है। बताया कि
पांच मार्च 2020 का पेट्रोल और डीजल के दाम में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। इधर सात जून से 24
जून तक लगातार 18 दिन तक सरकार ने इनके दामों में बढ़ोतरी की है। इस दौरान पेट्रोल 8.50 और डीजल 10.48
रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। वर्तमान में भी लगातार दाम बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में
डीजल 26.48 रुपया और पेट्रोल 21.50 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे
तेल के दामों में लगातार गिरावट के बीच भी सरकार ने जनता से जबरन वसूली की है। एक ओर जहां कच्चा तेल सस्ता
हुआ तो केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान पहुंचा दिए। उन्होंने सरकार से तत्काल पेट्रोल और डीजल के
बढ़े दाम वापस लेने को कहा। पांच मार्च के बाद लगा उत्पाद शुल्क भी समाप्त करने की मांग की। इस मौके पर
जिलाध्यक्ष लोकमणि पाठक, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण, पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश
ऐठानी, राजेंद्र टंगड़िया, गीता रावल कवि जोशी, विनोद पाठक, बालकृष्ण, सुनीता टम्टा, बहादुर सिंह आदि मौजूद रहे।