Uncategorized

रखा जाएगा संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का नाम

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। देहरादून में हरिद्वार बाईपास पर आकाशवाणी भवन के निकट संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का नाम उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक और गीतकार स्वर्गीय जीत सिंह नेगी के नाम पर रखा जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने संस्कृति विभाग के देहरादून स्थित प्रेक्षागृह का नाम उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक और गीतकार स्वर्गीय जीत सिंह नेगी के नाम पर रखे जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय जीत सिंह नेगी उत्तराखंड के लोक संगीत का प्रमुख स्तम्भ थे। गढ़वाली लोकगीत को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता दिलाने का सबसे पहले श्रेय जीत सिंह नेगी जी को ही जाता है। वर्ष 1947 में एचएमवी ने उनके गीतों को उन्हीं की आवाज में रिकॉर्ड किया था। उन्होंने लोक कलाओं की अनेक विधाओं में योगदान दिया। वे लोक कलाकार के साथ रंगकर्मी भी थे। उनके गीतों में पहाड़ की भावनाएं महसूस की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय जीत सिंह नेगी को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रेक्षागृह का नाम उनके नाम पर किया जा रहा है। संस्कृति के क्षेत्र में वे सदैव प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे। हरिद्वार बाईपास पर आकाशवाणी भवन के निकट स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का उद्घाटन इसी वर्ष फरवरी माह में किया गया था। इस हाईटेक प्रेक्षागृह की क्षमता 270 है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी सभ्यता अपनी संस्कृति से ही जीवंत रहती है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड की संस्कृति को देश व दुनिया तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। लोक कलाकारों के संरक्षण के लिए अनेक महत्वपूर्ण काम किए जा रहे हैं। वृद्ध कलाकारों व लेखकों को मासिक पेंशन के साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियों से जुडे स्वायत्तशासी संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है। सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों व प्राचीन भवनों का संरक्षण किया जा रहा है। क्षेत्रीय एवं स्थानीय संग्रहालयों के उन्नयन और सुदृढीकरण के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। कला एवं अन्य विधाओं से जुडे निर्धन कलाकारों तथा उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। कोविड-19 के दृष्टिगत भी संस्कृति विभाग में सूचिबद्ध कलाकारों को एक-एक हजार रूपए की वनटाईम आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!