राजद्रोह मामला :वाईएसआर कांग्रेस के बागी सांसद रघु रामष्ण को सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त जमानत
नई दिल्ली , एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश में दर्ज राजद्रोह मामले में वाईएसआर कांग्रेस के बागी सांसद के रघु रामष्ण राजू को सशर्त जमानत दे दी है। इस शर्त के तहत उन्हें मीडिया के समक्ष कोई बयान या साक्षात्कार नहीं देना है। बता दें कि 14 मई को आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के बागी सांसद के़ रघु रामष्ण राजू को राजद्रोह सहित विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने बताया कि राजू पर आरोप है कि वह नफरत फैलाने वाले भाषणों से समुदायों में द्वेष फैलाने और सरकार के खिलाफ असंतोष को बढ़ावा देने के त्य में शामिल हैं।
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बीआर गवई की एक अवकाशकालीन पीठ ने सिकंदराबाद स्थित सेना के अस्पताल से राजू की मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त होने का उल्लेख करते कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हिरासत में सांसद के साथ श्बुरा व्यवहारश् किया गया।
शीर्ष अदालत ने राजू पर जमानत की कई शर्तें लगाईं, जिसमें यह भी शामिल है कि वह मामले के संबंध में मीडिया को कोई साक्षात्कार नहीं देंगे। न्यायालय ने गत 17 मई को सांसद राजू को मेडिकल जांच के लिए तत्काल पड़ोसी राज्य तेलंगाना के सिकंदराबाद में सेना के अस्पताल में स्थानांतरित करने और अगले आदेश तक उन्हें वहीं भर्ती रखने का आदेश दिया था।
राजू आंध्र प्रदेश के नरसापुरम संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस ने श्राजनीतिक प्रतिशोध के कारणश् ही उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है क्योंकि वह श्अपनी ही पार्टी की कार्रवाईयोंश् की आलोचना करते रहे हैं। पीठ ने उन्हें जमानत देते हुए जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया।
वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई के दौरान राजू की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि हिरासत में सांसद को श्प्रताड़ितश् किया गया, जिससे उन्हें चोटें आईं। पीठ ने शुरुआत में कहा कि सेना के अस्पताल से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि राजू के पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर है। रोहतगी ने दलील दी कि प्रताड़ना का उनका आरोप मेडिकल रिपोर्ट से साबित होता है।
उन्होंने कहा कि वे एक सांसद के साथ ऐसा कर रहे हैं। पया उन्हें जमानत दें और प्रताड़ना के मामले की सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए। यह दलील देते हुए कि नेता के खिलाफ राजद्रोह का कोई मामला नहीं बनता है, रोहतगी ने कहा कि राजू पार्टी के मौजूदा सांसद हैं और वह राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के भी आलोचक रहे हैं।
राज्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि रोहतगी को मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान नहीं देना चाहिए क्योंकि वह इस मामले में पक्षकार नहीं हैं। दवे ने दलील दी कि जमानत के अनुरोध वाली राजू की याचिका खारिज की जानी चाहिए। दवे ने उनके बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि राजद्रोह का मामला बनता है।