च्यूनी गांव में भारी बारिश से मकान गिरा
पिथौरागढ़। कोटगाड़ी पट्टी के च्यूनी गांव में भगवान राम का मकान 4 जुलाई की रात को अत्यधिक बारिश आने के कारण टूट गया। भगवान राम के साथ पत्नी
और दो बच्चे हैं । मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले भगवान के सामने समस्या उत्पन्न हो गई है। स्थानीय दिनेश आर्या ने पीड़ित की
तत्कालिक मदद कर प्रशासन से पीड़ित को साहयता दिलाने की मांग की है।
पहाड़ी दरकने से बांसबगड़ के 154परिवारों पर आपदा का खतरा
पिथौरागढ़। पहाड़ी दरकने से बांसबगड़ के 154परिवारों पर आपदा का खतरा मंडरा गया है। गांव के पीछे पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने का सिलसिला जारी है,
जिससे ग्रामीण सहमे हैं। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। बांसबगड़ गांव के ठीक ऊपर धामीगांव को जोड़ने के लिए सड़क का निर्माण किया गया है।
सड़क निर्माण के दौरान पहाड़ी कमजोर हो गई है। बारिश के बाद पहाड़ी खिसकने से उसमें दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं। पहाड़ी के लगातार नीचे की तरफ खिसकने से
गांव पर आपदा का खतरा मंडरा गया है। गांव की 1300की आबादी दहशत में है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी है। प्रधान आरसी जोशी ने कहा कि खतरे
को देखते हुए गांव के लोग रात भर सो नहीं पा रहे हैं। बारिश होते ही लोगों में डर का माहौल पैदा हो रहा है। कहा सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए तो गांव में
तबाही मच सकती है। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग की है।
32 घंटे बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त
अल्मोड़ा। जनपद मुख्यालय समेत जिले भर के कई स्थानों में बीते मंगलवार से जारी झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। झमाझम बारिश ने
लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। बिजली पानी की सप्लाई ठप हो गई। बीते 24 घंटो में बुधवार सुबह 8 बजे तक सबसे ज्यादा 80.5 एमएम बारिश जनपद मुख्यालय
में दर्ज की गई। जबकि रानीखेत में 71.2 एमएम बारिश दर्ज की गई। बारिश के बाद नगर में कई स्थानों में पानी व बिजली की आपूर्ति ठप हो गई। जिससे लोगों
की परेशानियों में इजाफा कर दिया। लगातार बारिश के चलते अल्मोड़ा बाजार में भी लोगों की चहल पहल कम रही। बहुत कम लोग जरूरी काम से घरो से बाहर
निकले। इधर बुधवार दोहपर बाद बारिश थमी जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। बारिश के चलते तापमान भी गिरावट देखने को मिली। बुधवार को अधिकतम
तापमान लुढ़कर 17 डिग्री व न्यूनतम तापमान 18 डिग्री दर्ज किया गया। बारिश के बाद नदी नाले ऊफान पर आ गए। इधर नगर की सड़को में भी कई जगह जल
भराव हो गया। जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कोसी का जल स्तर 1133.10एम तक पहुंच गया। जबकि कोसी बैराज से सुबह
2451.50 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।