चारधाम यात्रा वापसी का रूट कोटद्वार से करने की मांग की
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड ने प्रदेश सरकार से चारधाम यात्रा की वापसी मार्ग श्रीनगर-पौड़ी-सतपुली-कोटद्वार-हरिद्वार-ऋषिकेश करने, कोटद्वार में कॉर्बेट नेशनल पार्क का यात्री आरक्षण केंद्र खालने एवं पार्क में आने-जाने के लिए परमिट देने की भी स्वीकृति देने की मांग की है। यूनियन ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन भेजा है।
यूनियन के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने कहा कि यूनियन कई सालों से चारधाम यात्रा की वापसी मार्ग श्रीनगर-पौड़ी-सतपुली-कोटद्वार-हरिद्वार-ऋषिकेश करने की मांग कर रही है। इससे यात्रियों को कार्बेट पार्क सहित अन्य पर्यटक स्थलों पर घूमने का अवसर भी मिलेगा और कोटद्वार क्षेत्र भी यात्रा से जुड़ जाएगा। इससे यहां रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे और यात्रा रूट पर श्रीनगर से ऋषिकेश तक की जाम समस्या भी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा का वापसी का रूट श्रीनगर-पौड़ी-खिर्सू-लैंसडौन-कोटद्वार-हरिद्वार-ऋषिकेश किया जा सकता है। इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को इन क्षेत्रों में घूमने का अवसर भी मिलेगा। यह क्षेत्र पूरी तरह से पर्यटन से जुड़ जाएंगे। इन सभी स्थानों पर लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। कोटद्वार में प्रसिद्ध सिद्धबली मंदिर धाम व महर्षि कण्वाश्रम है। उन्होंने कहा कि कॉर्बेट नेशनल पार्क का तीन चौथाई भाग जिला पौड़ी गढ़वाल में स्थित है, लेकिन पर्यटकों को पार्क जाने के लिए केवल रामनगर को ही प्रवेश द्वार के रूप में दिखाया गया है। जबकि पश्चिमी क्षेत्र व दिल्ली की ओर से आने वाले पर्यटको के लिए कोटद्वार से यात्रा करना सुविधाजनक है। लेकिन पर्यटन मानचित्र में कोटद्वार को स्थान न मिलने व यहां यात्री आरक्षण केंद्र न होने के कारण पर्यटक जानकारी के अभाव में यहां नहीं आते है। मानचित्र में कोटद्वार को स्थान नहीं मिलने से पूरे क्षेत्र की उपेक्षा हो रही है।
छोटे वाहनों को ठेका परमिट जारी करने पर प्रतिबंध लगाये सरकार
कोटद्वार। गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड ने प्रदेश सरकार से पहाड़ी मार्गों पर 15 सीटर या उससे अधिक सिंगल टायर वाहनों को स्टैज कैरेज के परमिट जारी करने के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित करने की मांग की है। यूनियन के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने कहा कि छोटे वाहनों (जीप, मैक्स, सूमो) को ठेका परमिट जारी करने पर प्रतिबंध लगाकर उनके स्थान पर 15 सीटर से ऊपर की सिंगल टायर वाहनों को स्टेज कैरेज परमिट देना तर्क संगत होगा।
यूनियन के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भेजे ज्ञापन में कहा कि संभागीय परिवहन प्राधिकरण गढ़वाल संभाग पौड़ी द्वारा 23 जुलाई 1999 की बैठक में संकल्प संख्या 8 अंतर्गत पहाड़ी मार्गों पर टाटा 407 प्रकार की सिंगल टायर पर संचालित सवारी वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था। तत्कालीन परिस्थितियों में आरटीए का उक्त निर्णय तर्कसंगत हो सकता है, किन्तु वर्तमान में मोटर परिवहन में अत्यंत प्रतिवर्तन हो चुके है। पहाड़ी मार्गों पर बड़ी बसों के स्थान पर अब आराम दायक छोटी गाड़ियों का चलन बढ़ रहा है। आम यात्री भी उन्हीं वाहनों को प्राथमिकता दे रहे है। उन्होंने कहा कि वाहनों की बनावट व उनकी यांत्रिक स्थिति में भी क्रांतिकारी बदलाव हो चुके है। अब सड़कों की स्थिति भी दिन-प्रतिदिन बेहतर होती जा रही है। श्री पटवाल ने कहा कि शासन की उदार नीति के चलते छोटे ठेका/पर्यटक वाहन बहुतायत में संचालित हो रहे है। जिससे बसों का व्यवसाय प्राय: समाप्त हो गया है। ऐसी स्थिति में उक्त प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।