पूर्व सीएम ने किया रानीपोखरी टूटे पुल का मौका निरीक्षण
टूटे पुल की एनुअल सीट का आडिट करा इसे प्रकाशित कराएं: हरीश रावत
ऋषिकेश। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री रानीपोखरी में टूटे पुल की एनुअल सीट का आडिट कराते हुए इसे प्रकाशित कराएं। इस साथ ही उन्होंने स्पष्ट तौर पर 57 वर्ष पुराने इस पुल के टूटने का कारण यहां होने वाले खनन को ठहराया है। ऋषिकेश से देहरादून के मध्य रानीपोखरी में बीते शुक्रवार को जाखन नदी के ऊपर बना पुल दो जगह से टूट गया था। तभी से यह मार्ग बंद है। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जौली ग्रांट एयरपोर्ट से सीधे पुल स्थल पर पहुंचे। मौके का मुआयना करने के पश्चात वह रायवाला में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। पत्रकारों के साथ बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मौके पर उन्होंने निरीक्षण किया, यह पुल सीधे पानी के दबाव से टूटा है ऐसा नहीं है। यहां खनन हुआ है जिस कारण पिलर में एक और ज्यादा पानी आया। पुल बैलेंस आधारित होता है यही कारण है कि पुल टूट गया। गोला नदी में भी ऐसा ही हुआ था मगर लोक निर्माण विभाग ने इससे सबक नहीं लिया। राज्य के लिए यह चिंता का विषय है। पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पुल से रख-रखाव, मानिटरिंग और अन्य कार्य को लेकर तैयार की गई एनुअल सीट का आडिट करवाएं और इसको प्रकाशित भी करें। विभाग की टीम की यह जिम्मेदारी है कि बरसात से पहले ऐसी कोई गतिविधि पुल के आसपास हो रही हो जिससे पुल को नुकसान पहुंचे इसे रोके। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यहां आकर बताया गया है की पुल के नीचे जब मरम्मत कार्य हुआ था तो यहीं से खनन कर निर्माण सामग्री प्रयोग में लाई गई। यह कितना सही है या गलत यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। सरकार को चाहिए कि वह पुल से 300 मीटर क्षेत्र में हर हाल में खनन को रोके और नदी को अपने प्राकृतिक प्रवाह में बहने दे। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को इस मामले में दोष नहीं देना चाहूंगा, क्योंकि वह अभी आए हैं। इस पर सभी को विचार करना है और इस मामले की जांच बाहरी एक्सपर्ट कमेटी से कराए जाने की जरूरत है। ताकि अन्य पुलों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा मेरी जानकारी में यह भी आया है कि रायपुर जाने वाले सोडा सरोली पुल को भी नुकसान पहुंचा है।