चौबट्टाखाल तहसील के पांथर गांव में गुलदार के हमले में महिला घायल, काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने जाना हाल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। चौबट्टाखाल तहसील क्षेत्र में गुलदार और मानव के बीच संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुलदार आये दिन मनुष्य पर हमला कर रहा है। अगस्त माह में गुलदार एक युवक व दो महिला पर हमला कर चुका है। बीती रविवार देर सांय ग्राम पांथर में गुलदार ने घास काट रही एक महिला पर हमला कर घायल कर दिया। महिला ने साहस दिखाकर गुलदार पर दरांती से वार किया, जिसके बाद गुलदार जंगल की ओर भाग गया। महिला की अन्य साथियों ने घायल महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांवखाल में भर्ती कराया, जहां महिला का उपचार किया गया। स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के काबीना मंत्री सतपाल महाराज ब्लॉक प्रमुख नीरज पांथरी के साथ पांथर गांव में गंगा देवी के घर पहुंचे। काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने महिला को हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने वन विभाग को क्षेत्र में पिंजरा लगाने और गांव में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिये।
सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र नौगांवखाल से मिली जानकारी के अनुसार पांथर गांव निवासी 37 वर्षीय गंगा देवी पत्नी विजयपाल सिंह रविवार देर सांय घर से कुछ दूर खेतों में मवेशियों के लिए घास काट रही थी। इसी दौरान झाड़ियों में घात लगाए बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। गुलदार ने महिला का हाथ अपने जबड़े में दबा दिया, महिला ने दूसरे हाथ में पकड़ी दरांती से गुलदार पर वार कर दिया, जिससे गुलदार घबरा कर जंगल की ओर भाग गया। इस बीच गंगा देवी का शोर सुनकर आसपास मौजूद महिलाएं भी मौके पर पहुंच गई। गंगा देवी को सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र नौगांवखाल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसका उपचार किया। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले करीब 2 माह से लगातार गुलदार अलग-अलग गांव में नजर आ रहा है। इस संबंध में वन विभाग को भी सूचित किया गया, लेकिन वन विभाग की ओर से आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गये। बता दें कि 20 अगस्त को चौबट्टाखाल तहसील के गडोली गांव में बकरी चुगाने गये युवक पर गुलदार ने हमला कर घायल कर दिया था। इसके एक दिन बाद 21 अगस्त को रसोई में खाना बना रही महिला पर गुलदार ने हमला कर घायल कर दिया था। क्षेत्र के लिए वन विभाग से काफी समय से गुलदार के आंतक से निजात दिलाने की मांग कर रहे है, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।