कोरोना सैंपल जांच के मामले में हरिद्वार और यूएस नगर जिले पिछडे़
देहरादून। कोरोना सैंपल जांच के मामले में राज्य के सबसे अधिक आबादी वाले हरिद्वार और यूएस नगर जिले पिछड़ गए हैं। इन दो जिलों में राज्य में प्रति लाख की आबादी पर सबसे कम सैंपलों की जांच हो रही है। जबकि राज्य में भी देश की तुलना में प्रति लाख पर छह प्रतिशत कम सैंपलों की जांच हो रही है। सोशियल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के आधार पर तैयार रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रति एक लाख की आबादी पर 1451 टेस्ट हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार और यूएस नगर में प्रति लाख पर सबसे कम टेस्ट हुए हैं। जबकि सबसे अधिक टेस्ट के मामले में चम्पावत और उत्तरकाशी पहले व दूसरे स्थान पर हैं। चम्पावत में प्रति एक लाख पर 2461 लोगों की सैंपलिंग हो रही है। उत्तरकाशी में एक लाख पर 2213, रुद्रप्रयाग में 2119 सैंपल जांचें जा रहे हैं। जबकि यूएस नगर में एक लाख पर 1174 और हरिद्वार में प्रति लाख पर 1075 सैंपलों की जांच की जा रही है। फाउंडेशन के स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनूप नौटियाल का मानना है कि सरकारी को मैदानी जिलों में कोरोना जांच की रफ्तार बढ़ानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों की जांच हो और संक्रमित लोगों का समय रहते पता लगाया जा सके।
कमजोर लोगों तक पहुंच रहा वायरस
कोरोना मरीजों की स्थिति में बदलाव क्यों हो रहा है यह तो रिसर्च के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन फिलहाल स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा होने की प्रमुख वजह यह हो सकती है कि वायरस का प्रसार उन लोगों तक हो रहा है जो इम्युनिटी के मामले में कमजोर हैं और पहले से ही किसी दूसरी बीमारी के चपेट में हैं। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी भी इस बात को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों की स्थिति में बदलाव इसी वजह से हो सकता है। उन्होंने कहा कि कमजोर और बीमार लोगों में वायरस पहुंचने की वजह से ही पिछले दिनों में मौत का ग्राफ भी बढ़ा है।
अब सावधानी की ज्यादा जरूरत
कोरोना वायरस को लेकर शुरू में लोग बहुत अधिक सतर्क थे। कोई बेवजह घरों से बाहर नहीं निकल रहा था तो सामाजिक दूरी और मास्क, सेनेटाइजर आदि के मानकों का भी पूरा पालन हो रहा था। लेकिन देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से इस सतर्कता में कमी आई है और बाजारों में लोगों की भारी भीड़ जुट रही है। जगह जगह कोरोना के मानकों का खुले आम उल्लंघन हो रहा है। ऐसे में वायरस का प्रसार तेजी से होने लगा है और पिछले दिनों में अचानक बढ़े मरीज इसी का नतीजा है।