सुभाष पुरोहित पहाड़ी महासभा के अध्यक्ष, इंन्द्र सिंह रावत महासचिव व भगवती पंत कोष सचिव निर्वाचित
हरिद्वार। पहाड़ी महासभा के वार्षिक चुनाव में सुभाष पुरोहित अध्यक्ष, इंद्रसिंह रावत महासचिव, भगवती पंत कोष सचिव, सरिता पुरोहित महिला विंग अध्यक्ष एवं मीरा रतूड़ी महासचिव चुने गए। चुनाव अधिकारी सतीश जोशी व डी़एन. जुयाल की देखरेख में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुई।
रविवार को कनखल स्थित दादू बाग आश्रम में हुई पहाड़ी महासभा की आम सभा का संचालन करते हुए चुनाव अधिकारी सतीश जोशी व डी़एन. जुयाल ने वार्षिक चुनाव की प्रक्रिया को संगठन के सदस्यों के समक्ष रखा। बैठक में पूर्व महासचिव दीपक पाण्डे ने अध्यक्ष पद के लिए सुभाष पुरोहित के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका भगवती प्रसाद पंत व सरिता पुरोहित ने अनुमोदन किया। महासचिव पद पर अध्यक्ष दिनेश जोशी ने इंदर सिंह रावत के नाम का प्रस्ताव किया। जिसका अनुमोदन एस़पी़ चमोली व पूर्व अध्यक्ष अजय सिंह नेगी ने किया। कोष सचिव पद पर भगवती प्रसाद पंत के नाम का प्रस्ताव पूर्व महासचिव मनोज रावत ने किया। जिसका अनुमोदन ललितेन्द्र नाथ व पवन भट्ट ने किया। तीनों पदों पर कोई अन्य नाम न आने के कारण चुनाव अधिकारी सतीश जोशी ने अध्यक्ष पद पर सुभाष पुरोहित, महासचिव पद पर इंदर सिंह रावत व कोष सचिव पद पर भगवती प्रसाद पंत को निर्वाचित घोषित कर दिया। बैठक में महिला विंग अध्यक्ष के लिए अध्यक्ष दिनेश जोशी ने सरिता पुरोहित के नाम का प्रस्ताव किया। जिसका अनुमोदन पुष्पा चौहान ने किया, महासचिव पद पर मीरा रतूड़ी के नाम का प्रस्ताव सोम प्रकाश शर्मा ने किया। कोई अन्य नाम आने के कारण चुनाव अधिकारी सतीश जोशी ने महिला अध्यक्ष पद पर सरिता पुरोहित व महासविच पद पर मीरा रतूड़ी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया।
इस अवसर पर नवनिर्चाचित पदाधिकारियों ने महासभा को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। बैठक में राकेश बहुखण्डी, मनोज गहतोड़ी, टी़एस़भट्ट, विष्णु दत्त सेमवाल, अनुराग बधानी, आशीष रावत, द्वारिका प्रसाद थपलियाल, डा़एम़सी़क काला, तरुण व्यास, भुवनेश पाठक, जसवंत सिंह बिष्ट, डा़सुभाष जोशी, नंदन सिंह रावत, ईश्वरी दत्त मंदोला, पं़ विजय कुमार जोशी, दिनेश चंद्र सकलानी, संजय नैथानी, रमेश चंद्र पंत, देव किशन पाण्डे, पं़भारत भूषण जोशी, पीसी भट्ट, पं़शीषराम शर्मा, डा़हरिनारायण जोशी, आनंद भट्ट, शैलेन्द्र रावत, शैलेन्द्र बहुखण्डी, पवन कुमार भट्ट आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।