पादप स्वरोजगार का एक बेहतर विकल्प
श्रीनगर गढ़वाल : गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान श्रीनगर तथा भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी नई दिल्ली के तत्वावधान में जखोली ब्लॉक के ग्राम सभा कोठियाड़ा में दो दिवसीय कार्यशाला का समापन्न हुआ।
इस मौके पर कार्यक्रम आयोजक जीबी पंत के वैज्ञानिक तथा भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी रुड़की श्रीनगर चैप्टर के कॉर्डिनेटर डा. अरुण कुमार जुगरान ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य दुर्गम क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों को जैव उर्वरक आधारित कृषिकरण के प्रति प्रोत्साहित करना है। डा. जुगरान द्वारा संस्थान का परिचय एवं हिमालय में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों की खेती की पैदावार को बढ़ाने के लिए जैव उर्वरक के उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में उपस्थित विभिन्न फसलों जंगली फलों तथा औषधीय पादपों का वर्णन करते हुए उनमें उपस्थित पोषक तत्व तथा औषधीय गुणों की जानकारी दी एवं पादपों को स्वरोजगार का एक विकल्प भी बताया। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. चन्द्र शेखर ने किसानों को विज्ञान संबंधित शोध कार्य एवं उच्च कृषि शिक्षा के लिए मार्गदर्शक तथा प्रोत्साहित किया। इस मौके पर अनिता कोठरी ने वन एवं खाद्य फलों का जैव प्रसंस्करण एवं हयात सिंह राणा ने जीवामृत एवं बीजामृत के उपयोग द्वारा स्वरोजगार का विकल्प प्रदान किया। कार्यशाला के द्वितीय टेक्निकल सत्र में संस्थान के शोधार्थियों आशीष कुमार एवं कल्पना रौतेला ने ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को जैव उर्वरक के लाभदायक गुणों से अवगत करवाया एवं जैविक कृषि के लिए प्रोत्साहित किया। (एजेंसी)