डीएम सोनिका की अध्यक्षता में हुई आगामी मानसून एवं डेंगू/ चिकनगुनिया रोग से बचाव एवं जनजागरूकता कार्यक्रम के दृष्टिगत बैठक
देहरादून। जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता मे आगामी मानसून के दृष्टिगत विभागीय तैयारी एवं डेंगू/ चिकनगुनिया रोग से बचाव एवं जनजागरूकता कार्यक्रम के दृष्टिगत आज ऋषिपर्णा सभागार कलैक्ट्रेट में बैठक करते हुए संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा- निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने मानसून के दृष्टिगत विभागों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि मानसून एवं संभावित आपदा को मध्यनजर रखते हुए सभी विभाग अपनी तैयारी पूर्ण रखें। उन्होंने निर्देशित किया कि तहसील प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील स्थल का चिन्हीकरण करें। उपकरणों की जांच करते हुए आपदाओं से निपटने हेतु मॉक ड्रिल करें। तहसीलों में मानसून के दृष्टिगत कंट्रोल रूम स्थापित किये जाए, जिसमें 24 घंटे सम्बन्धित विभागों के कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाए। उन्होंने निर्देश दिए की जिला आपदा परिचालन केंद्र में स्थापित कंट्रोलरूम में 15 जून से सभी विभागों के कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाए।जिलाधिकारी ने नगर निगम देहरादून एवं नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने क्षेत्र के अंतर्गत नाली एवं नालों की सफाई की प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। साथ ही नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि नगर निगम द्वारा कराए गए कार्यों की आख्या प्रस्तुत करगं, जिसके आधार पर संबंधित का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन-जिन उप जिलाधिकारियों के पास प्रशासक का कार्यभार है वह अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत स्वयं नाली-नालों की सफाई की मॉनिटिरिंग करते हुए मानसून पूर्व सफाई करवा ले।जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि संभावित आपदा के दृष्टिगत मार्ग बंद होने की दशा में वैकल्पिक मार्गों का चिन्हीकरण करते हुए व्यवस्थाएं बनाएंगे। उन्होंने एनएच एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को अपने-अपने मार्गो के रखरखाव की स्थिति तथा मानसून में मार्ग बंद होने की दशा में तुरंत मार्ग खोले जाने के निर्देश दिए, इसके लिए जेसीबी, पोकलेंड आदि मशीन पूर्व से ही तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मार्ग बंद होने अथवा आपदा की स्थिति में त्वरित रिस्पांस किया जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग न एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि लैंडस्लाइड जॉन एवं बाढ़ आदि क्षेत्रों तथा जंहा सड़को पर रपटे हैं ऐसे स्थानों पर चेतावनी वाले साइन बोर्ड लगाए जाए। साथ ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड लगाए तथा नदियों के चेनलाइजेशन का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करें। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ग्रस्त एवं आपदा संभावित क्षेत्रों में आपदा की स्थिति के दौरान राहत बचाव कार्यों एवं जनमानस को सुरक्षित स्थानों पर स्थानान्तरित किए जाने हेतु स्कूल एवं पंचायत भवन आदि स्थलों का चिन्हिकरण कर लिया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्रों में संवेदनशील विद्यालय भवनों का भी चिन्हिकरण कर लिया जाए ताकि मानसून सीजन में किसी प्रकार की संभावित आपदा से बचा जा सके।जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया की दृष्टिगत घर-घर जागरूकता अभियान चलाया जाए। तथा पूर्व की भांति क्षेत्रवार नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए। उन्होंने 1 जुलाई से डीआईसीसीसी में ड्यूटी लगाने तथा कंट्रोल रूम सक्रिय रखने के निर्देश दिए।उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया की पशुपालन विभाग घायल पशुओं के उपचार एवं बीमारियों से निपटने हेतु पूर्व तैयारी कर ले। उन्होंने यूएसडीए, पीडब्ल्यूडी एवं समस्त कार्यदाई संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जहां-जहां निर्माण पूर्ण हो गया है वहां सड़क का समतलीकरण करते हुए निर्माण स्थल से उपकरण हटा दिए जाएं ताकि यातायात में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय भारत सिंह, अपर मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम वीर सिंह बुढ़ियाल, पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार, नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश शैलेंद्र सिंह नेगी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन, सहायक निदेशक सूचना बी.सी नेगी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विद्याधर कापड़ी, अधि0अभि0 लोनिवि जितेंद्र कुमार त्रिपाठी, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी ऋषभ कुमार, पीडब्ल्यूडी, एनएच, यूएसडीए, पेयजल निगम, जल सस्थान, सिंचाई, आदि संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे तथा उप जिलाधिकाी एवं अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।