उत्तरकाशी: चीन सीमा को जोड़ने के लिए बनाया जाएगा नया स्टील गार्डर पुल, जवानों को निगरानी में होगी सुविधा

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उत्तरकाशी, एजेंसी। भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले चोरगाड नदी पर टूटे पुल की जगह नए स्टील गार्डर पैदल पुल का निर्माण होगा। बीते अगस्त में यहां बना पैदल पुल नदी के उफान पर आने से टूट गया था जिसके बाद से यहां सेना व आईटीबीपी के जवानों को सीमा क्षेत्र की निगरानी करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीमांत जनपद उत्तरकाशी में चोरगाड पुल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है जो भारत-चीन सीमा पर नेलांग घाटी में स्थित है और चीन सीमा को जोड़ता है। पुल का इस्तेमाल भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी के लिए रेकी व पेट्रोलिंग कार्यों के लिए करते हैं, लेकिन बीते अगस्त में जाड़ गंगा की सहायक चोरगाड नदी के उफान पर आने से पुल टूटने के बाद से सेना व आईटीबीपी को सीमा क्षेत्र तक आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जब पुल टूटा था तो आईटीबीपी ने इसकी सूचना जिला प्रशासन और गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र को दी थी। इस पर जिला प्रशासन की ओर से लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी को स्थलीय निरीक्षण कर नए पुल के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए थे।
निर्देशों के क्रम में विभाग ने नए पुल के लिए डीपीआर तैयार करने का काम पूरा कर लिया है। विभाग के एई धर्मवीर सिंह तोमर ने बताया कि चोरगाड नदी के उफान पर आने से पुराने पुल के पिलर टूटते ही पुल गिर गया था जिसके स्थान पर 27 मीटर स्पान का नया पुल बनाया जाएगा।
बताया कि 50.88 लाख की लागत से बनाए जाने वाला पुल स्टील गार्डर पैदल पुल होगा। पुल की डीपीआर तैयार कर गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन को भेजी गई है जिनकी ओर से पुल निर्माण के लिए बजट मुहैया कराने के बाद छह माह में पुल तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

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