अल्मोड़ा। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को महिला व जनविरोधी बताते हुए अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति केंद्र सरकार का पुतला फूंक नाराजगी जताई। शुक्रवार को जनवादी महिला समिति से जुड़ी महिलाएं यहां माल रोड स्थित चौघानपाटा में एकत्र हुए। जहां उन्होंने केंद्र सरकार का पुतला फूंक जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट हाशिये के वर्गों की कठिनाईयों, गरीबी और महिलाओं की अनदेखी करता है। कहा कि महामारी के संकट में सरकार की ओर से लाये गई श्रम संहिता और कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ पूरा देश आंदोलनरत है। इस महामारी के आर्थिक प्रभाव से अमीर तो उबर गए हैं। जबकि देश की अधिकांश जनसंख्या बेरोजगारी, आय में गिरावट और अत्यधिक खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है। कहा कि वर्तमान बजट में इन मुद्दों को नजरंदाज किया गया है। बजट में सार्वजनिक व्यय में गंभीर कटौती की गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आवंटन में केवल 3310 करोड़ रुपए है, जो शर्मनाक है। महिलाओं ने कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना, विधवा पेंशन, मिशन शक्ति, महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण जैसी योजनाओं में कटौती कर दी गई है। सीडीएस और आशा कार्यकर्ताओं की मांगों को भी नजरंदाज किया गया है। जो बढ़ते कुपोषण की स्थिति को और खराब करेंगी। आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार का बजट सार्वजनिक सेवाओं के कॉरपोरेट घरानों के अधिग्रहण को ही बढ़ावा देता है। जिससे जीवन निर्वाह की लागत का बढ़ना तय है। महिलाओं पर अतिरिक्त बोझ और उन्हें बेहद कमजोर स्थिति में डालता है।