कोटद्वार-पौड़ी

आये दिन रुला रही बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड व नेटवर्किंग सेवा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। विकाखण्ड रिखणीखाल क्षेत्र में बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड व नेटवर्किंग सेवा आये दिन बाधित होने से क्षेत्र के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीएसएनएल की सेवा बाधित होने का असर सरकारी कार्यालयों के कामकाज पर भी पड़ रहा है। लोग अपने काम करवाने के लिए कार्यालयों में आ रहे है, लेकिन नेटवर्किंग बंद होने से बिना काम करवाये ही मायूस होकर घर लौट रहे है। जिस कारण लोगों को परेशानी के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जनता का कहना है कि कई बार संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद भी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है।
रिखणीखाल ब्लॉक में जहां ई-डिस्ट्रिक्ट, तहसील, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, उपशिक्षाधिकारी कार्यालय, डाकघर, राजकीय महाविद्यालय, ब्लाक मुख्यालय आये दिन यातनाएं झेलने को मजबूर हैं। कई बार इस संबंध में मंडलीय मुख्यालय में शिकायत की गई, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। जिससे क्षेत्र की जनता में आक्रोश व्याप्त है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया विनीता ने दूरभाष पर स्थानीय विधायक दलीप सिंह रावत, मंडलीय मुख्यालय श्रीनगर प्रबंधन, मुख्यमंत्री कार्यालय, सांसद पौड़ी गढ़वाल तीरथ सिंह रावत, सांसद राज्यसभा अनिल बलूनी, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार को पूरे प्रखंड की सूचना प्रसारण व्यवस्था को लेकर त्वरित समाधान हेतु संबंधित विभागों को आदेशित करवाने की मांग की। विनीता ध्यानी ने कहा कि संपूर्ण मंदालघाटी व कतेड़ागाड से लगी घाटी आज भी संचारा भाव में जीवन जीने को मजबूर हैं। जिस हेतु बार-बार शिकायत किये जाने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। राज्यसभा सदस्य लोकसभा सदस्य व केंद्रीय मंत्रियों, पीएमओ को तक गुहार में भी ठोस समाधान की इच्छा अभी तक लंबित है। उन्होंने कहा कि कर्तिया सेटेलाइट टावर, हल्दूखाल तथा रिखणीखाल समर्थित टावरों में हर तीसरे दिन यह सामान्य बात हो गई है जिसका स्थायी समाधान नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में क्षेत्रीय प्रबंधक बीएसएनएल विजयपाल एवं बलवान से वार्ता की गई तो उनका कहना है कि टावर व ब्राडबैंड आदि से संबंधित वैन एकेश्वर ब्लाक गई है कल तक रिखणीखाल पहुंच कर स्थिति सुधरेगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की दशा व भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां अन्य कंपनियों को सरकार टावर लगाने की पेशकश करें।

 

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