पुलिस पर लगाया कार्रवाई न करने का आरोप
विकासनगर। कालसी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत लटऊ गांव मे गांव अनुसूचित जाति की युवतियों से जूठे बर्तन धुलवाने के मामले में कार्रवाई न होने से अनुसूचित जाति के लोगों में आक्रोश है। गुरुवार को भारत संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए डीजीपी को ज्ञापन सौंपा। मंच के राष्ट्रीय संयोजक दौलत कुंवर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गुरुवार को डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात की। उन्होंने डीजीपी को ज्ञापन सौंपकर बताया कि 21 जून को लटऊ गांव में अनुसूचित जाति की युवतियों से जबरन बर्तन धुलाने के आदेश दिए गये। जिसका विरोध करने पर कुछ लोगों ने उनके घरों पर हमला बोला। इस मामले में 23 जून को राजस्व पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। आरोप है कि मुकदमे की कार्रवाई का पता चलने पर हमलावारों ने उनकी बीन आदि की फसलें नष्ट कर दी और खेतों की सुरक्षा दीवारें तक तोड़ दीं। कहा कि कार्रवाई निष्पक्ष न होने पर मामले को रेगुलर पुलिस को सौंपने की मांग की गयी। जिसमें जिलाधिकारी ने मामले की जांच पांच जुलाई को थाना कालसी पुलिस को सौंपी थी। जिसके बाद पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि इस दौरान आरोपियों ने आठ गांवों की महापंचायत बुलाकर उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस मामले में कालसी थाना पुलिस कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। पुलिस पर आरोप लगाया कि इस बारे में पूछने पर पुलिस ने यह कहा कि इस तरह के मामले पहाड़ों में चलते रहते हैं। मामले की रिपोर्ट कोर्ट में दी जायेगी। पीड़ित ग्रामीणों ने पुलिस महानिदेशक से इस मामले में सख्त कार्रवाई करवाने की मांग करते हुए आरोपियों में शामिल छह लोगों से अपनी व परिवार के लोगों की सुरक्षा की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में जय सिंह, अशोक कुमार,टिंकू कुमार, सचिन भाटिया, कविता, मनीषा, निकिता, नेहा, रिया, अरविन्द कुमार, दौलतराम वर्मा, मन्तूराम, गेन्दाराम, मुन्नाराम, नरेन्द्र राम, पवन कुमार, सुशील कुमार, राजेन्द्र सिंह, सुनील कुमार, संजय सिंह, सुरेश राज, निशा देवी, बबीता देवी, गीता देवी, सावित्री देवी, फूल सिंह, राजकुमार आदि शामिल रहे।