जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने वाला एक्शन, सुरक्षाबलों ने छापे के बाद हिरासत में लिए कई संदिग्ध

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श्रीनगर ,। जम्मू-कश्मीर के सोपोर में बुधवार को कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। सोपोर पुलिस और सुरक्षाबलों ने संयुक्त रूप से इस अभियान में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से जुड़े व्यक्तियों और परिसरों पर छापे मारे। जिलेभर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों के खिलाफ सोपोर, जैंगीर और रफियाबाद क्षेत्रों में 25 से ज्यादा स्थानों पर एक साथ छापे मारे गए। ये छापे विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं पर आधारित थे, जिनसे संकेत मिला था कि जेईआई से जुड़े संदिग्ध लोग अलग-अलग मोर्चों पर अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। अभियानों के दौरान सुरक्षाबलों को कई अहम दस्तावेज और अन्य चीजें बरामद हुई हैं। कुछ लोगों से गैरकानूनी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता के बारे में पता लगाने के लिए पूछताछ की जा रही है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ये तलाशी अभियान सोपोर पुलिस की आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने और उसके वैचारिक व सैन्य तंत्र को ध्वस्त करने की चल रही निवारक रणनीति का हिस्सा हैं।
इसके अलावा, बुधवार को कुलगाम में भी प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई। सुरक्षाबलों की टीमों ने एक साथ 200 से ज्यादा जगहों पर छापे मारे।
जमीनी स्तर पर आतंकी तंत्र और उसके समर्थन ढांचे को ध्वस्त करने के निरंतर प्रयासों के तहत, छ्वद्गढ्ढ सदस्यों और उनके सहयोगियों के घरों और परिसरों पर छापेमारी की गई।
जानकारी के अनुसार, पिछले चार दिनों के दौरान जिले के अलग-अलग इलाकों में 400 से अधिक जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लगभग 500 लोगों से पूछताछ की गई है, जिनमें से कुछ लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
छापेमारी के दौरान, आपत्तिजनक सामग्री और डिजिटल उपकरण ज़ब्त किए गए। इसके अलावा, कई जमात-ए-इस्लामी सदस्यों से पूछताछ की गई। कुलगाम पुलिस ने कहा कि वह आतंकवाद और उसके प्रति अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर अडिग है और यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी तत्व को जिले में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने की अनुमति न दी जाए।

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