अतिरिक्त कर्मी तैनात किए जाए, बीएलओ पर बोझ कम करें

Spread the love

-एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा
नईदिल्ली,। देश के 12 राज्यों में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की मौतों और काम के बढ़ते दबाव को लेकर कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया कि एसआईआर के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए जाएं, ताकि बीएलओ और अन्य कर्मचारियों के काम के घंटे कम किए जा सकें। कोर्ट ने कहा कि ये राज्यों की जिम्मेदारी है।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमेल्य बागची की पीठ ने कहा, राज्य सरकारें और कर्मचारी लगाएं, ताकि काम के घंटे उसी हिसाब से कम किए जा सकें। अगर किसी कर्मचारी के पास काम से छूट मांगने की खास वजह है तो संबंधित अधिकारी मांग पर प्रकृति के अनुसार विचार कर सकते हैं। जहां 10,000 हैं वहां 20 या 30,000 कर्मी लगाए जा सकते हैं। अगर कोई बीमार या असमर्थ है तो राज्य वैकल्पिक कर्मचारी तैनात कर सकता है।
राज्य अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करे, ताकि काम के घंटे कम किए जा सकें। जिन कर्मचारियों को किसी विशेष कारण से छूट चाहिए, उनकी मांग की प्रकृति के आधार पर विचार हो और उनकी जगह दूसरे व्यक्ति को लगाया जाए। अगर कोई राहत इन निर्देशों में शामिल नहीं है तो प्रभावित व्यक्ति कोर्ट का रुख कर सकता है। राज्य ये न समझें कि उन्हें निश्चित संख्या में ही कर्मचारी देना है। वे जरूरत के मुताबिक संख्या बढ़ा सकते हैं।
ये याचिका राजनीतिक पार्टी टीवीके ने दायर की है। उनके वकील ने दावा किया कि एसआईआर के दौरान 35-40 बीएलओ की मौतें हुई हैं और कई को नोटिस दिए गए हैं कि लक्ष्य पूरा न करने पर मामला दर्ज किया जाएगा। वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा, अनाथ बच्चे और शोकग्रस्त परिवार हैं। बीएलओ पर मामला दर्ज करने की धमकी दी जा रही है। ये शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं, क्या इनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा सकता है?
चुनाव आयोग ने तर्क दिया कि हर बूथ पर अधिकतम 1,200 मतदाता हैं और बीएलओ को 30 दिन में 1,200 फॉर्म जमा करना पड़ रहे हैं, जो अतिरिक्त बोझ नहीं है। इस पर सीजेआई ने पूछा, क्या 10 फॉर्म रोज भरना भी बोझ है? इसके बाद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, वास्तविकता में बीएलओ को 40 फॉर्म प्रतिदिन भरने पड़ रहे हैं। कई इलाकों में बहुमंजिला इमारतों में जाकर जानकारी जुटानी पड़ती है, जो मेहनत वाला काम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *