उत्तराखंड

कैंसर से बचाव को स्वस्थ जीवनशैली अपनाये:स्वामी चिदानंद सरस्वती

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-वायु प्रदूषण व धूम्रपान लंग कैंसर का सबसे बड़ा कारण
ऋषिकेश। विश्व लंग कैंसर दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कैंसर के लड़ने के लिये स्वस्थ, प्राकृतिक व पारंपरिक जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नशे की आदतों से दूर रहकर ही समग्र कल्याण सम्भव है। स्वस्थ जीवन जीने के लिये संतुलित पोषण, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन के लिये ध्यान और योग अत्यंत आवश्यक है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, फेफड़ों का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बढ़ते काम का दबाव और अव्यवस्थित दिनचर्या व खानपान के कारण लोग कई बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। लंग कैंसर इन्हीं गंभीर बीमारियों में से एक है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित कर रही हैं। यह जानलेवा बीमारी शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करती है।फेफड़े के कैंसर से पीड़ित लोगों और उनके परिवारों के लिए समर्थन जुटाने और इस जानलेवा बीमारी के रोकथाम और उपचार, अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आज का दिन समर्पित है। लंग कैंसर दुनिया के सबसे आम कैंसरों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, फेफड़ों का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। धूम्रपान, जिसमें निष्क्रिय धूम्रपान भी शामिल है, विकिरण चिकित्सा, रेडॉन गैस, परिवार के इतिहास, वृद्धावस्था, जनसंख्या, मोटापा, शराब, वायरल संक्रमण आदि अनेक इसके कारक है।
कई बार फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती दौर में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जो चिंता का विषय है। इसका मतलब है कि बीमारी का पता तब तक नहीं चल पाता जब तक वो गंभीर न हो जाए। आमतौर पर, जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है और अन्य अंगों को प्रभावित करता है, वैसे-वैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम लक्षण खांसी में थूक के साथ थोड़ा या अधिक मात्रा में खून आना, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या सांसों की कमी महसूस होना, फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लोगों को अक्सर बिना किसी कारण के थकान या कमजोरी महसूस होती है, अचानक भूख कम लगना या वजन कम होना, लगातार बुखार व सिरदर्द, रात को पसीना आना फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है।
वायु प्रदूषण व धूम्रपान लंग कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। धूम्रपान के संपर्क में आने से बचें और अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने की कोशिश करें। भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व लंग कैंसर दिवस इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे लड़ने के लिए वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस दुनिया भर में फेफड़ों के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, रोकथाम के उपायों को समझने और इस बीमारी से लड़ने वालों को समर्थन देना अत्यंत आवश्यक है।
आईये आज के दिन धूम्रपान छोड़ने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित रूप से व्यायाम व स्वास्थ्य जांच करवाने का संकल्प लें।

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