यूसीसी के प्रावधानों के खिलाफ अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

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उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : प्रदेश में जमीन, मकान आदि की रजिस्ट्री, वसीयत और यूसीसी में विवाह पंजीकरण को ऑनलाइन (पेपरलेस) करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने बुधवार को कार्य बहिष्कार कर तहसील में प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर यूसीसी में उत्तराखण्ड की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप एवं अधिवक्ताओं के हितों को संरक्षित करते हुए आवश्यक संशोधन करने की मांग की। तहसील में हड़ताल के चलते रजिस्ट्री, टाइपिंग और स्टांप वेंडिंग का काम पूरी तरह ठप रहा। इससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि अधिवक्ता हितों के खिलाफ होने वाले काम स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पंत ने बताया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में विवाह पंजीकरण, उत्तराधिकार अधिनियम एवं वसीयत का पंजीकरण करने में अधिवक्ताओं को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। कहा कि रजिस्ट्री की पेपरलेस और ऑनलाइन करने की सरकार की योजना है, जो अधिवक्ताओं के हितों के खिलाफ है। कहा कि अधिवक्ताओं के हितों की हर हाल में रक्षा की जाएगी। जो संशोधन लागू किए गए हैं या जिन्हें लाने की तैयारी है उससे अधिवक्ताओं को बाहर रखने से भविष्य में आम लोगों के सामने कई जटिलताएं आएंगी। अधिवक्ता हितों के साथ ही यह लड़ाई आम आदमी के लिए भी लड़ी जा रही है। श्री पंत ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों के अनेक क्षेत्र आज भी मोबाईल क्षेत्र से बाहर है तथा ग्रामीण से लेकर आम व्यक्ति राजस्व अभिलेखों की जानकारी नहीं रखता है। ऐसे में आनलाईन वसीयत पंजीकरण की व्यवस्था अव्यवहारिक है तथा आम जनता के साथ इससे अधिवक्ताओं के हित प्रभावित हो रहे है। इस मौके पर सचिव रश्मि चन्दोला जोशी, उपाध्यक्ष सुनील डोबरियाल, सह सचिव कृष्ण कुमार भारद्वाज, कोषाध्यक्ष रजनीश रावत, जितेन्द्र रावत, नागेन्द्र जोशी, प्रवेश रावत, अरविन्द वर्मा, रीना रावत, सुनीता थापा, सुनील खत्री, मुकेश कपटियाल, अमित सजवाण, बृजमोहन चौहान, जसबीर राणा, राजेश जोशी, संजय जोशी आदि मौजूद थे।

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