नई दिल्ली , देशभर में गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर है। अगले 24 घंटों में दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल तट पर दस्तक देने वाला है, और यह अपने तय समय से करीब एक हफ्ता पहले पहुंच रहा है। इससे न केवल तापमान में गिरावट आएगी, बल्कि किसानों के लिए खरीफ फसलों की बुवाई का रास्ता भी जल्दी साफ होगा।मौसम विभाग के अनुसार, 2009 और 2001 के बाद यह पहला मौका है जब मानसून इतनी जल्दी यानी मई में ही केरल पहुंच रहा है। केरल में मानसून के आगमन की सामान्य तारीख 1 जून होती है, लेकिन इस बार यह 27 मई से पहले ही राज्य में कदम रखने जा रहा है। राज्य में बीते दो दिनों से भारी बारिश हो रही है, जो मानसून की प्रगति का स्पष्ट संकेत है। मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि कम दबाव का क्षेत्र और अन्य अनुकूल परिस्थितियां मानसून के प्रवेश को मजबूती दे रही हैं।
भारत में 70त्न वार्षिक वर्षा जून से सितंबर के बीच होती है, जो सीधे तौर पर खेती, पीने के पानी, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ी होती है। इस साल मौसम विभाग ने औसत से अधिक वर्षा का अनुमान लगाया है, जिससे धान, मक्का, सोयाबीन, कपास और तिलहन जैसी फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। ढ्ढरूष्ठ के अनुसार, आने वाले दिनों में मानसून दक्षिण और मध्य अरब सागर, मालदीव और लक्षद्वीप, कर्नाटक और तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर भारत के हिस्सों तक तेजी से फैल सकता है।
पूर्वी-मध्य अरब सागर में एक लो प्रेशर वेदर सिस्टम बनने की संभावना है, जो उत्तर की ओर बढ़ते हुए पश्चिमी तटों पर हवाओं और बारिश का पैटर्न बदल सकता है। इससे महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक जैसे राज्यों को फायदा होगा। देश के कई हिस्सों में तेज गर्मी का दौर जारी है। ऐसे में मानसून की जल्दी एंट्री से तापमान में राहत मिलने की उम्मीद है। उत्तर भारत में मानसून 25–30 जून और पश्चिम भारत में 15–20 जून तक दस्तक दे सकता है।