नईदिल्ली, भारतीय क्रिकेट टीम के दो दिग्गज क्रिकेट विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट के दो हफ्ते बाद श्रीलंका के दिग्गज क्रिकेटर ने भी टेस्ट क्रिकेट को छोड़ने का ऐलान कर दिया. लेकिन वो अपना आखिरी टेस्ट बांग्लादेश के खिलाफ खेलेंगे, जो उनका फेयरवेल टेस्ट होगा, जबकि रोहित और कोहली को ऐसा करने का मौका नहीं मिला.
श्रीलंका के पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट करके टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि वह बांग्लादेश के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के पहले मैच में खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे. सीरीज का पहला मैच 17-21 जून को गॉल में खेला जाएगा.
मैथ्यूज ने 2009 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और अगले हफ्ते वो 38 साल के हो जाएंगे. उन्होंने 34 टेस्ट मैचों में श्रीलंका की कप्तानी भी की, जिसमें 2014 में हेडिंग्ले में एक मशहूर जीत भी शामिल है. वो वर्तमान में कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के बाद टेस्ट में श्रीलंका के तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं. उन्होंने 118 टेस्ट मैचों की 210 पारियों में 44.62 की औसत से कुल 8167 रन बनाए हैं, जिसमें 16 शतक और 45 अर्धशतक शामिल है. उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 200 रन है. उनके नाम टेस्ट में 33 विकेट भी हैं.
मैथ्यूज ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक बयान में लिखा, जून में बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट मैच मेरे देश के लिए आखिरी रेड-बॉल मैच होगा. हालाँकि मैं टेस्ट फॉर्मेट को अलविदा कह रहा हूं, लेकिन चयनकर्ताओं के साथ चर्चा के अनुसार मैं सफेद गेंद के फॉर्मेट के लिए चयन के लिए उपलब्ध रहूंगा, अगर मेरे देश को मेरी जरूरत होगी.
उन्होंने आगे लिखा, मेरे लिए खेल के सबसे पसंदीदा प्रारूप, अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का समय आ गया है. श्रीलंका के लिए पिछले 17 साल क्रिकेट खेलना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान और गौरव रहा है. जब कोई राष्ट्रीय जर्सी पहनता है तो देश भक्ति और सेवा की भावना से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता.
मैथ्यूज ने ये भी कहा, मैंने क्रिकेट को अपना सब कुछ दिया है और क्रिकेट ने मुझे बदले में सब कुछ दिया है और मुझे वह व्यक्ति बनाया है जो मैं आज हूं. मैं खेल के प्रति आभारी हूं, और श्रीलंका क्रिकेट के उन हजारों प्रशंसकों का आभारी हूं जो मेरे करियर के हर उतार-चढ़ाव में मेरे साथ रहे हैं. मेरा मानना है कि यह टेस्ट टीम एक प्रतिभाशाली टीम है, जिसमें भविष्य और वर्तमान के कई महान खिलाड़ी खेल रहे हैं. अब ऐसा लगता है कि हमारे देश के लिए चमकने के लिए किसी युवा खिलाड़ी को आगे आने का मौका देने का सबसे अच्छा समय है.