एक समय बाद पुतिन से बात करना जरूरी होगा’, रूस के बड़े हमलों के आगे बेबस हुआ यूक्रेन
मास्को। रूस ने सोमवार को कहा कि बिना मास्को के यूक्रेन युद्ध पर चर्चा निरर्थक साबित हुई है। स्विटजरलैंड के बर्गेनस्टाक में रविवार को समाप्त हुए दो दिवसीय सम्मेलन को क्रेमलिन ने नकारात्मक व लगभग शून्य परिणामों वाला बताया है। कहा, इस दौरान पश्चिमी शक्तियों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा की, लेकिन वे सम्मेलन द्वारा जारी बयान पर गुटनिरपेक्ष देशों का समर्थन हासिल करने में विफल रहे।क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यूक्रेन युद्ध पर आयोजित सम्मेलन में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया। लेकिन, अगर हम इसके प्रभाव की बात करें तो कुल मिलाकर यह लगभग शून्य रहा। नियमित प्रेसवार्ता में दिमित्री से संवाददाताअें ने पूछा कि क्या सम्मेलन में हंगरी, सर्बिया व तुर्किये द्वारा भाग लेना और जारी बयान पर हस्ताक्षर करना रूस के लिए झटका नहीं है।इस पर पेस्कोव ने कहा कि नहीं, इन देशों के सम्मेलन में भाग लेने से संबंध खराब नहीं होंगे, हम उनसे लगातार संपर्क में रहकर अपना पक्ष रखते रहेंगे। वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि निश्चित रूप से हम समझते हैं कि वह समय आएगा जब रूस से बात करना जरूरी होगा। लेकिन हमारी स्थिति स्पष्ट है, हम रूस को चेतावनी भरी भाषा का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देंगे, जैसा वह इस समय कर रहा है।मालूम हो कि स्विटजरलैंड में आयोजित सम्मेलन में 90 से अधिक देशों ने भाग लिया, जिसमें से 80 ने युद्ध समाप्त करने लिए यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखने की शर्त पर हस्ताक्षर किए। वहीं, भारत सहित 12 देशों ने इस शर्त से टकराव की आशंका जताते हुए हस्ताक्षर नहीं किए।