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सख्ती के बाद ढीले पड़े ट्विटर के तेवर

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0- नए नियम के तहत शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति
0- दो अन्य अधिकारियों की नियुक्ति का भी दिया संकेत
0- कार्रवाई संबंधी मासिक रिपोर्ट भी की पेश
0- कानूनी सुरक्षा बहाल करने पर जल्दबाजी नहीं दिखाएगी सरकार
नई दिल्ली । सरकार की सख्ती के बाद दिल्ली हाईकोर्ट के सख्त तेवरों के बीच माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर धीरे-धीरे नरम रुख अख्तियार करने पर मजबूर होता दिख रहा है। रविवार को ट्विटर ने रेजिटेंड ग्रीवेंस ऑफिसर (शिकायत निवारण अधिकारी) के रूप में विनय प्रकाश की नियुक्ति की है। इसके अलावा कंपनी ने शिकायतों के संदर्भ में की गई कार्रवाई की मासिक रिपोर्ट भी पेश की है। उम्मीद जताई जा रही है कि कंपनी देश के नए नियमों के मुताबिक जल्द ही दो अन्य अधिकारियों की भी नियुक्ति करेगा।
गौरतलब है कि रविशंकर प्रसाद की जगह आए नए सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दो टूक शब्दों में कहा था कि देश में कानून और संविधान के ऊपर कोई नहीं है। ट्विटर को देश के नियम और संविधान का पालन करना ही होगी। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने भी नए नियमों के संदर्भ में ट्विटर को राहत देने से इंकार कर दिया था। हाईकोर्ट के सख्त रुख के बीच ट्विटर ने सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों को मानने की बात कही थी।
सरकार को भावी रुख का इंतजार
नए नियम के मुताबिक 50 लाख से अधिक यूजर्स वाली कंपनियों को हर हाल में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करना अनिवार्य है। हथियार डालने का संकेत देते हुए ट्विटर ने फिलहाल शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की है। उसे जल्द ही दो अन्य नियुक्तियां करनी है। सरकार को अब कंपनी के भावी रुख का इंतजार है। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में ट्विटर के साथ नरमी नहीं बरतेगी। गौरतलब है कि नए नियमों के मुताबिक तीनों अधिकारियों का भारतीय नागरिक होना भी अनिवार्य है।
क्या है मासिक रिपोर्ट में
शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति के साथ ट्विटर ने शिकायतों के निपटारे से संबंधित मासिक रिपोर्ट भी रखी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में आपत्तिजनक ट्वीट हटाने या ट्विटर हैंडल के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधी 5464 शिकायतें मिली। इसके अलावा 5412 अन्य मामलोंं में कानूनी अनुरोध किया गया है। शिकायतों के संदर्भ में अब तक 248 ट्विटर हैंडल को बंद किया गया है। इसके अलावा 2759 ट्वीट्स को फिलहाल रोका गया है। इस क्रम में 3649 मामलों में ट्विटर हैंडल को निलंबित या विवादास्पद ट्वीट को हटाया गया है।
नियम के पूर्ण पालन केबाद ही राहत
सरकार ने फिलहाल ट्विटर को मिली कानूनी सुरक्षा को खत्म कर दिया है। कानूनी सुरक्षा खत्म होने के बाद ट्विटर के खिलाफ हर्जाना, मानहानि और आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि ट्विटर जब तक नए नियमों को पूर्ण रूप से स्वीकार नहीं करता, तब तक उसे पहले मिली हुई कानूनी सुरक्षा बहाल नहीं होगी।
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