थलीसैंण के बाद अब पैठाणी में भालू की दहशत

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जनपद पौड़ी गढ़वाल में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आये दिन जंगली जानवर मनुष्य और मवेशियों पर हमला कर रहे है। भालू अब थलीसैंण के बाद पैठाणी में सक्रिय हो गया। भालू ने पैठाणी रेंज के कोकली गांव में भी एक मवेशी को निवाला बनाया है। विभागीय टीम प्रभावित गांवों में काफी समय से डेरा डाले हुई हैं। भालू की लोकेशन जाने के लिए वन विभाग ने थ्रमल ड्रोन का भी सहारा लिया, लेकिन भालू इसमें भी नहीं दिखाई दिया है।
थलीसैंण के सौंठ, कठ्यूड, कुचौली नौड़ी व मंजरी गांवों में भालू ने एक के बाद 33 मवेशियों को अब तक निवाला बना दिया है। वन विभाग ने सक्रिय भालू को ट्रैक्यूलाइज और मारने के लिए दुबारा भी परमिशन ली हुई है, लेकिन भालू अभी तक वन विभाग की ट्रेक्यूलाइज गन के निशाने पर नहीं आया है। इससे जहां ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है, वही विभाग की भी मुश्किलें बढ़ी हुई है। एक ओर राठ क्षेत्र में सक्रिय भालू का कोई पता नहीं चल पाया तो दूसरी तरफ अब भालू ने पैठाणी रेंज के कोकली गांव में भी हमले शुरू कर दिए है। यहां भी भालू ने एक मवेशी को निवाला बना दिया। इससे पहले भालू ने जहां पाबौ में एक महिला पर हमला कर घायल कर दिया था वहीं खिर्सू के पास दो युवकों पर भी हमला कर उन्हें भी घायल कर दिया था। समूचे क्षेत्र में भालू के हमलों से लोग सहमे हुए है। भालू को अभी तक पकड़े नहीं जाने पर ग्रामीणों में भी रोष है। गढ़वाल वन प्रभाग की एसडीओ आयशा बिष्ट ने बताया कि भालू को खोजने के लिए टीमें लगातार गश्त में जुटी है। अभी तक भालू पकड़ में नहीं आया है। उन्होंने बताया कि पैठाणी में दूसरा भालू सक्रिय हुआ है क्योंकि थलीसैंण और पैठाणी रेजों की दूरी बेहद अधिक है। कोकली गांव में विभागीय टीम भेजी गई है। लोगों से भी भालू से सतर्क रहने की अपील की जा रही है।

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