आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

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विभिन्न मांगों का निराकरण नहीं होने पर जताया रोष
जयन्त प्रतिनिध।
कोटद्वार : राज्य गठन के दशकों बीत जाने के बाद भी आंदोलनकारियों की समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने रोष व्यक्त किया है। कहा कि यदि जल्द समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो आंदोलनकारी आंदोलन को मजबूर होंगे।
सोमवार को आंदोलनकारी तहसील में एकत्रित हुए। यहां उन्होंने उपजिलाधिकारी शालिनी मौर्य के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। मोर्चा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत व आंदोलनकारी डा. शक्तिशैल कपरवाण ने शासन-प्रशासन पर आंदोलनकारियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा कि राज्य निर्माण के 25 वर्ष बाद भी आंदोलनकारियों को न्याय नहीं मिल पाया है। कहा कि एक ओर राज्य अपनी रजत जंयती मना रहा है, वहीं आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहे है। उन्होंने प्रदेश सरकार से एक दिसंबर 2021 से पूर्व के आंदोलनकारियों का चिह्रिकरण करने की मांग उठाई। इसके अलावा चिह्रित राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा दिए जाने, सभी राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन दिए जाने, राज्य निर्माण आंदोलनकारियों व उनके स्वजनों को स्वास्थ्य लाभ के लिए गोल्डन कार्ड जैसी सुविधा दिए जाने, दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की न्यायालय में ठोस पैरवी करने व 1994 के मुजफ्फर कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए न्यायालय में चल रहे मुकदमों की उत्तराखंड सरकार की तरफ से पैरवी करने की मांग उठाई गई। इस मौके पर कमला चौहान, गुलाब सिंह रावत, दिनेश गौड़, बीना देवी, बेला डोबरियाल, लक्ष्मी देवी, उर्मिला जोशी, शीला देवी आदि मौजूद रहे।

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