अगले साल की शुरुआत में आ सकती है कोरोना वैक्सीन, सुरक्षा पर सवाल उठेंगे तो पहली खुराक खुद लूंगा : हर्षवर्धन
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में रोजाना तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से 90 हजार से ज्यादा मरीज रोज सामने आ रहे हैं। इस वजह से लोगों को अब जिसका इंतजार है, वह कोरोना वायरस की वैक्सीन है। दुनिया के कई देशों में विभिन्न वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इन सभी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ड़ हर्षवर्धन ने बताया है कि भारत में वैक्सीन कब तक संभव हो सकती है। डा़ हर्षवर्धन ने बताया कि अभी वैक्सीन की लन्चिंग को लेकर कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन यह अगले साल की पहली तिमाही में आ सकती है।
ड़ हर्षवर्धन का यह बयान तब आया है, जब एक दिन पहले दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि ब्रिटिश रेग्युलेटर से हरी झंडी मिलने के बाद इसने कोविड-19 वैक्सीन का मानव परीक्षण एक बार फिर शुरू कर दिया है। एक वलंटियर के बीमार पड़ जाने की वजह से इसे बीच में रोकना पड़ा था। इसके बाद भारत में भी इस वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगा दी गई थी।
केंद्रीय मंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया किया सरकार वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में पूरी तरह से सावधानी बरत रही है। उन्होंने कहा, श्वैक्सीन सुरक्षा, लागत, इक्विटी, कोल्ड-चेन आवश्यकताएं, उत्पादन, समय सीमा आदि जैसे मुद्दों पर भी गहनता से चर्चा की जा रही है। कोरोना वैक्सीन के एक बार तैयार होने के बाद, इसे उन लोगों के लिए सबसे पहले उपलब्ध कराया जाएगा जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
वहीं, डा़ हर्षवर्धन ने कहा कि वह वैक्सीन की पहली खुराक पर काफी खुश होंगे। केंद्रीय मंत्री ने एक घंटे तक सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और यूजर्स के कई सवालों के जवाब दिए।
उन्होंने आगे कहा, देश में कई वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। अभी हम इस बात का अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि कौन सी वैक्सीन सबसे ज्यादा प्रभावी होगी, लेकिन यह 2021 की पहली तिमाही तक, हम निश्चित तौर पर परिणाम जान जाएंगे। वहीं, मंत्री ने कहा कि वैक्सीन को लेकर एक्सपर्ट्स का ग्रुप का गठन किया गया है, जो पूरी प्रक्रिया की देखरेख कर रहा है। हालांकि, जैसे ही परीक्षण के रिजल्ट्स का आकलन किया जाता है, उसी समय कंपनियों को बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने के लिए कह दिया जाएगा, ताकि समय की बर्बादी न हो।