काशीपुर। पानी की बचत को लेकर गर्मियों की धान की फसल के स्थान पर अन्य विकल्पों को लेकर कृषि विभाग ने किसानों के साथ बैठक की। शुक्रवार को ब्लॉक कार्यालय में हुई बैठक में बेमौसमी धान की फसल के विकल्पों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसडीएम डॉ. अमृता शर्मा ने कहा कि अब किसानों को बे-मौसमी धान से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे पानी की किल्लत हो रही है ऐसे में किसानों को मक्का आदि फसलों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन फसलों से किसानों को मुनाफा भी ज्यादा मिलता है। वहीं कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी कल्याण सिंह रावत ने किसानों को कहा कि गर्मी के धान से प्रकृति को नुकसान हो रहा है। ऐसे में किसानों को अब अन्य विकल्पों की ओर ध्यान देना चाहिए। वहीं भाकियू एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष बल्ली सिंह चीमा ने कहा कि किसान खुद चाहते हैं कि पानी की बचत हो ऐसे में किसान गर्मी के धान को ना बोने पर भी सहमत हैं लेकिन जिन लोगों ने जमीन लीज पर ली हैं तथा जिन लोगों की जमीन नदी किनारे या फिर डैम किनारे हैं उन लोगों को मक्का बोने में काफी दिक्कतों का सामना आएगा। बल्ली सिंह चीमा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इन किसानों को फिलहाल गर्मी का धान बोने की अनुमति दे। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को कंपनियों पर कोई विश्वास नहीं है लेकिन सरकार पर विश्वास है क्योंकि सरकार किसानों के साथ यह मीटिंग कर रहा है जो की सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मक्का की फसल बुवाई से लेकर कटाई तक सरकार को हर तरफ से सहयोग करना चाहिए और इसकी गारंटी किसानों को देनी चाहिए। वही किसान प्रताप सिंह संधू ने भी गर्मी के धान पर अपना पक्ष रखा। बैठक में टीए सतपाल गंगवार, एडीओ गोपाल सिंह चौहान, सूरज कुमार, भीम सिंह, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, मोहित कुमार, सुरेश आदि किसान व अन्य लोग मौजूद रहे।