ऋषिकेश। मेडिकल की पढ़ाई में देशभर में 14वीं रैंक हासिल कर चुका एम्स ऋषिकेश एमबीबीएस पाठ्यक्रम के अलावा स्पोर्ट्स इंज्युरी का पाठ्यक्रम भी संचालित कर रहा है। डिग्री प्राप्त करने के बाद ऐसे चिकित्सक खेल आयोजनों के दौरान एथलीट और गैर एथलीट दोनों तरह के खिलाड़ियों की चोट लगने पर उनका इलाज करते हैं। इन पाठ्यक्रमों में एमसीएच स्पोर्ट्स इंन्ज्युरी, डीएम पेन मेडिसिन, डीएम मेटाबोलिक मेडिसिन, डीएम फोरेन्सिक रेडियोलाजी एंड वर्चुअल ऑटोप्सी और डीएम वायरोलाजी के पाठ्यक्रम शामिल हैं। वायरोलाजी का पाठ्यक्रम इसी वर्ष शुरू किया गया है। संस्थान की डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने बताया कि शैक्षणिक क्षेत्र के यह पाठ्यक्रम एम्स ऋषिकेश को देश के अन्य एम्स संस्थानों से अलग पहचान दिलाते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान देश के लिए काबिल और अनुभवी डाक्टर्स तैयार करने की दिशा में अग्रसित है। एम्स ऋषिकेश द्वारा देश को अभी तक एमबीबीएस क्वालीफाई 574 डाक्टर्स समर्पित किए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि कि इंस्टीट्यूट में एमबीबीएस का पाठ्यक्रम वर्ष 2012 में शुरू किया गया था, जबकि स्पोर्ट्स इंज्यूरी का पाठ्यक्रम वर्ष 2020 में शुरू किया गया। इसके अलावा पेन मेडिसिन के कोर्स में मेडिकल के छात्र रुचि ले रहे हैं। ताकि भविष्य में वह एनेस्थेस्टिक क्षेत्र का करिअर चुन सकें।
एम्स ऋषिकेश में संचालित पाठ्यक्रम : बीते 12 वर्षों के दौरान संस्थान ने शैक्षणिक क्षेत्र में छलांग लगायी और साल दर साल नए पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू किया। वर्तमान में एमबीबीएस के अलावा डाक्टरी पेशे से संबन्धित एमडी, एमएस, एमडीएस, डीएम, एमसीएच, पीएचडी, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ, एमएससी नर्सिंग और बीएससी एलाईड हेल्थ के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।