ऐपण उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग

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ऐपण प्रतियोगिता में निकिता रावत ने मारी बाजी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड राज्य स्थापना के अवसर पर रजत जयंती समारोह के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय कण्वघाटी कोटद्वार में ऐपण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में निकिता रावत बीए तृतीय वर्ष, गरिमा लखेड़ा बीए द्वितीय वर्ष, ऋतिका बीएससी द्वितीय वर्ष ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया।
डॉ. विनय देवलाल ने ऐपण प्रतियोगिता के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि ऐपण एक कला ही नहीं है बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत है जो यहां की परंपरा व सांस्कृतिक जीवंतता को दर्शाती है। ऐपण कला उत्तराखंड की लोककला व संस्कृति के गौरवशाली और आध्यात्मिक मूल स्वरूप को रेखांकित करती है। ऐपण को केवल एक सजावटी कला मानना उसके वास्तविक महत्व को कम करना है। यह वास्तव में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है। यह एक अमूल्य धरोहर है जिसे सहेजने की आवश्यकता है। इस मौके पर प्राचार्य प्रो. हरीश चंद्र ने लोककला के महत्व को बताते हुए कहा कि यह एक सांस्कृतिक विरासत है जोकि अपनी परंपराओं को जीवंत रखती है, यह विरासत आगे बढ़ती रहनी चाहिए। प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में डॉ. इन्दू मलिक , डॉ. अंजु थपलियाल, श्रीमती दीप्ती मैठाणी ने निभाई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. उषा सिंह ने किया।

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