दिल्ली में सांस लेने लायक नहीं हवा, वायु प्रदूषण का स्तर अति गंभीर श्रेणी में दर्ज

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नईदिल्ली,दिल्ली में हवा सांस लेने लायक नहीं बची है। वायु प्रदूषण का स्तर बिगडक़र अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। इसका असर मंगलवार को भी दिखा।मंगलवार को सुबह दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में कोहरे की मोटी धुंध दिखाई पड़ी, जिससे दृश्यता प्रभावित हुई। इस दौरान समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) भी 494 पर पहुंच गया, जो अति गंभीर श्रेणी में है।दिल्ली के 35 निगरानी स्टेशनों में से अधिकतर में एक्यूआई 500 के पार दर्ज किया गया।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, आनंद विहार, अशोक विहार, जहांगीरपुरी और मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडिम, मुंडका, रोहिणी, पंजाबी बाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, वजीरपुर, आरके पुरम समेत कई इलाकों में एक्यूआई 500 के पार दर्ज किया गया है।दिल्ली के अलावा गुरूग्राम, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद में भी वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। यहां भी सुबह कोहरे की मोटी धुंध दिखाई पड़ी थी।
प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। अब स्कूलों में सिर्फ ऑनलाइन कक्षाएं ही चलेंगी।दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी 23 नवंबर तक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने 22 नवंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का फैसला लिया है।दिल्ली के सरकारी कार्यालयों में कामकाज के समय में भी बदलाव हुआ है। निगम के कार्यालय सुबह 8:30 से और दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 10 बजे से खुलेंगे।
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण की पाबंदियों में आवश्यक सेवाओं को छोडक़र बीएस -3 वाले पेट्रोल वाहनों और बीएस-4 के डीजल वाहनों के दिल्ली- एनसीआर में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।इनमें बाहरी राज्यों में पंजीकृत वाहन भी शामिल हैं। हाईवे, सडक़, फ्लाईओवर, बिजली लाइनों, पाइपलाइनों और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक रहेगी।दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों के भी प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा और ग्रेप-3 की पाबंदियां जारी रहेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली- एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए एक्यूआई के बेहद गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद भी ग्रेप-4 की पाबंदियां लागू करने में देरी पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को फटकार लगाई।कोर्ट ने कहा कि अगर एक्यूआई 400 से नीचे भी आए तो भी ग्रेप-4 पाबंदियां वापस लेने की अनुमति नहीं मिलेगी।कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य संवैधानिक रूप से स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह बाध्य हैं।
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