नई दिल्ली , चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स ने आईपीएल 2025 के लिए अजिंक्य रहाणे को अपना कप्तान बनाया। केकेआर का कप्तान बनना कोई छोटी बात नहीं। मजे की बात ये कि ये वही अजिंक्य रहाणे हैं जिन्हें केकेआर समेत किसी भी टीम ने पिछले मेगा ऑक्शन के पहले राउंड में नहीं खरीदा था। दूसरे दिन, ऑक्शन खत्म होने के बिल्कुल करीब, रैपिड राउंड में केकेआर ने उन्हें 1.5 करोड़ रुपये के बेस प्राइस पर खरीदा, और अब उन्हें ही कप्तान बना दिया। स्पष्ट है कि तब तक रहाणे टीम की कप्तानी की स्कीम तो क्या, प्लेइंग इलेवन की स्कीम में भी नहीं थे। ये आईपीएल के सबसे हैरान करने वाले फैसलों में से एक रहेगा। जिस वेंकटेश अय्यर को मेगा ऑक्शन में, रिटेन न करने के बाद, फ्रेंचाइजी ने 23.75 करोड़ रुपये में वापस खरीद लिया, उसे कप्तान न बनाकर, 1.5 करोड़ रुपये के बेस प्राइस पर खरीदे, बाहरी खिलाड़ी को कप्तान बना दिया। केकेआर में रहाणे की ये दूसरी इनिंग है- इससे पहले 2022 में खेले थे (रिकॉर्ड : 7 मैच में 103.90 स्ट्राइक रेट से 133 रन)। सीजन के बाद रिलीज कर दिए गए और चेन्नई सुपर किंग्स की जर्सी में वे एक नए अंदाज में दिखे- 2023 में 172.48 स्ट्राइक रेट से 326 रन। आईपीएल 2024 उतना अच्छा नहीं रहा (123.46 स्ट्राइक रेट से 242 रन) और सीएसके ने भी रिलीज कर दिया। तभी वे 2025 के लिए ऑक्शन पूल में थे।
जहां तक कप्तान के तौर पर अनुभव की बात है तो रहाणे, भले ही कभी टीम इंडिया के नियमित कप्तान नहीं बने पर 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में जब भारत ने टेस्ट सीरीज जीती तो विराट कोहली की गैरमौजूदगी में, वे ही कप्तान थे। घरेलू सर्किट में मुंबई के कप्तान और कई टाइटल जीते हैं। सबसे नया 2024-25 सीजन में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी है। रहाणे उस टूर्नामेंट में टॉप स्कोरर थे- 164.56 स्ट्राइक रेट और 58+ औसत से 469 रन।
आईपीएल में कप्तानी का रिकॉर्ड 25 मैच का है : 2017 में राइजिंग पुणे सुपर जायंट के लिए 1 और 2018 और 2019 में राजस्थान रॉयल्स के लिए 24 मैच। 2019 सीजऩ के बीच में उनकी जगह स्टीवन स्मिथ को कप्तान बना दिया था। अब 22 मार्च को ईडन गार्डन्स में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के विरुद्ध सीजन ओपनर में वे आईपीएल चैंपियन टीम की कप्तानी करेंगे। 3 टाइटल हैं उनके नाम। संयोग ये है कि 2024 का टाइटल जीतने वाली टीम के कप्तान (श्रेयस अय्यर) और कोच (गौतम गंभीर) दोनों ही इस सीजन में टीम के साथ नहीं हैं।
एक और बात- टीम इंडिया में हमेशा अजिंक्य रहाणे पर टेस्ट विशेषज्ञ का लेबल लगा पर उनका आईपीएल करियर काफी दिलचस्प रहा है। उपयोगी क्रिकेटर रहे पर ऐसे नहीं कि किसी टीम ने सीजन के लिए अपनी स्ट्रेटजी उनके इर्द-गिर्द बनाई हो। शुरुआत मुंबई इंडियंस के साथ पर राजस्थान रॉयल्स में नाम कमाया। जब राजस्थान रॉयल्स पर बैन लगा तो राइजिंग पुणे सुपरजाएंट उनके लिए नई टीम थी। राजस्थान रॉयल्स वापस लौटे पर अब धीमे स्ट्राइक रेट के साथ फिट न हुए। टीम बदलने के नए राउंड में दिल्ली कैपिटल्स, केकेआर, सीएसके और अब वापस केकेआर में और साथ में प्रमोशन।
नोट करने वाली एक ख़ास बात- वे आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के कप्तान रहे और अब तीसरी टीम के कप्तान बने हैं पर आईपीएल के सबसे सस्ते नियमित कप्तान में से एक के रिकॉर्ड के साथ। कोलकाता नाइट राइडर्स को सिर्फ 1.5 करोड़ रुपये में कप्तान मिल गया। एक ख़ास रिकॉर्ड ये कि आईपीएल में 3 टीम की कप्तानी करने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय कप्तान : उनके अतिरिक्त ये रिकॉर्ड श्रेयस अय्यर के नाम है। इन दोनों के नाम ये रिकॉर्ड इसी सीजन में आ रहा है। अगर लोकेश राहुल दिल्ली के कप्तान बनते तो उनका नाम भी इस लिस्ट में आ जाता। एक मजेदार संयोग ये है कि अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर कई मैच एक-दूसरे की कप्तानी में खेल चुके हैं। श्रेयस, मुंबई और भारत के लिए रहाणे की कप्तानी में खेले जबकि रहाणे, मुंबई और दिल्ली कैपिटल्स के लिए श्रेयस की कप्तानी में खेल चुके हैं।
केकेआर ने उन्हें अपना कप्तान बनाया है तो कुछ सोचकर ही ये फैसला लिया होगा और इससे न सिर्फ उन पर रन बनाने की जिम्मेदारी है, वेंकटेश अय्यर पर भी कुछ दबाव कम होगा। दूसरी तरफ ये मानने वाले भी कम नहीं कि टीम मैनेजमेंट का ये फैसला बैकफुट पर जाने जैसा है। इस रोल के लिए वेंकटेश या रिंकू को चुनते तो लंबे समय के लिए कप्तान मिल जाता। यहां तक कि आंद्रे रसेल भी दावेदार थे और तब रहाणे को बल्लेबाजी का वही रोल देते जो वे सीएसके में निभा रहे थे। वैसे इस चर्चा में ये बताना जरूरी है कि बतौर कप्तान आईपीएल में सबसे खराब जीत प्रतिशत (कम से कम 25 मैच) के रिकॉर्ड में, 36 प्रतिशत (25 मैच में सिर्फ 9 जीत) के साथ अजिंक्य रहाणे तीसरे नंबर पर हैं और उनसे खऱाब रिकॉर्ड सिर्फ कुमार संगकारा (31.91) और महेला जयवर्धने (33.33) का है। इसका मतलब ये ही हुआ कि अजिंक्य रहाणे इस कसौटी पर सबसे नाकामयाब भारतीय कप्तान है। शिखर धवन (37.03), सौरव गांगुली (40.47), सुरेश रैना (41.17) एवं रवि अश्विन (42.85) उनके बाद हैं।
वैसे क्या टी20 लीग क्रिकेट के इतिहास में ऐसी कोई और भी मिसाल है जिसमें किसी टीम ने, जिस खिलाड़ी को सीजन के लिए, शुरू में न खरीदा हो और बाद में उसी को कप्तान बना दिया? आईपीएल में ऐसी और कोई मिसाल नहीं। हां, एलपीएल (लंका प्रीमियर लीग) में मिलती-जुलती मिसाल है। नवंबर 2021 में प्लेयर्स ड्राफ्ट के लिए जो पूल बनाया उसमें से हाई प्रोफाइल खिलाडिय़ों में से एंजेलो मैथ्यूज और दिनेश चांदीमल का नाम भी गायब था, हालांकि दोनों खेलने के लिए उपलब्ध थे। मैथ्यूज तो पिछले सीजन में कोलंबो फ्रेंचाइजी के आइकन खिलाड़ी थे। ये दोनों पिछले कुछ महीनों में श्रीलंका के लिए टी20 इंटरनेशनल भी खेले थे। इसलिए टीम बनीं तो पूल में न होने से इनका नाम किसी में भी नहीं था। बाद में जब एसएलसी ने टीमों को और खिलाड़ी चुनने के लिए कहा (भले ही वह पूल में न हो) तो इन दोनों को कॉन्ट्रैक्ट मिल गया। इतना ही नहीं, बाद में कोलंबो स्टार्स ने मैथ्यूज और चांदीमल को सीजन के दौरान कप्तान भी बनाया।