भारतीय कंपनी के कफ सिरप पर डब्ल्यूएचओ के प्रतिबंध के बाद यूपी में अलर्ट, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए सख्त निर्देश
लखनऊ, एजेंसी। दक्षिण अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप पीने से हुई मौत के मामले में उत्तर प्रदेश भी पूरी तरह अलर्ट हो गया है। यूपी के दवा बाजार में ये कफ सिरप न बिकें इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठनने इस मामले में भारत की मैडेन फार्मा कंपनी के जिन चार कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दक्षिण अफ्रीकी देश गाम्बिया में बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भारत की मैडेन फार्मा कंपनी के जिन चार कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें सिरप प्रोमेथजाइन ओरल साल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मैगरिप और कोल्ड सिरप शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इसमें अत्याधिक मात्रा में डायथिलीन ग्लाइकोल व एथिलीन ग्लाइकोल है। ये रसायन शरीर पर बेहद घातक प्रभाव डालते हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी कीमत पर इस कंपनी के सिरप प्रदेश की दवा मार्केट में नहीं बिकने चाहिए। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा़ लिली सिंह से मामले की जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं कि इस कंपनी के चार कफ सिरप की दवा मार्केट में हुई सप्लाई के बारे में जानकारी हासिल की जाए। जो भी स्टाक है, उसे कंपनी को वापस किया जाए या नष्ट किया जाए। किसी भी कीमत पर मेडिकल स्टोर में इस कंपनी के कफ सिरप की बिक्री न हों। सभी बिंदुओं पर मानक के अनुसार जांच कर इस दवा कंपनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के चार कफ सिरप को सेहत के लिए जानलेवा बताते हुए कहा है कि इससे किडनी में भारी जख्म हो जाते हैं और पश्चिम अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के लिए भी इसी भारतीय कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है। इन बच्चों की मौत से अफ्रीकी परिवार असहनीय पीड़ा झेल रहे हैं। भारत के हरियाणा में बनी बच्चों की यह चारों दवाएं घातक केमिकलों से दूषित हैं और दोयम दर्जे की हैं।