देहरादून। मानसून में आपदा की संभावना को देखते हुए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने चमोली जिले के रैणी गांव क्षेत्र में दोबारा अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किया है। एसडीआरएफ के सेनानायक नवनीत सिंह ने बताया कि मानसून काल के दौरान उक्त गांव के निकटाषिगंगा नदी का जलस्तर बढ़ता है तो यह अर्ली वार्निंग सिस्टम पानी का स्तर खतरे के निशान तक पहुंचते ही सूचना सायरन के माध्यम से आम जन मानस तक पहुंचा देगा।
इस अलर्ट सिस्टम की मदद से ऐसी स्थिति में नदी के आसपास के इलाकों को पांच से सात मिनट में तुरंत खाली कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी तपोवन आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ की ओर से अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किया गया था। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। बारिश के कारण नदी का बहाव दूसरी तरफ होने के कारण इस सिस्टम को हटा दिया था।
अब दोबारा खतरे को देखते हुए अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाया गया है। एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर विनोद गौड़ की देखरेख में इंजीनियरों की टीम ने सिस्टम स्थापित किया। एसडीआरएफ की टीमें रैणी व अन्य संबंधित गांव के प्रधानों से भी समन्वय स्थापित कर रही हैं। वहीं आपदा से बचने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।
फरवरी में रैणी गांव के निकट हैंगिंग ग्लेशियर के टूटने से आपदा आई थी, जिससे बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ था। आपदा के बाद कई एजेंसियां ग्लेशियरों पर रिसर्च कर रही हैं व सुरक्षा की दृष्टि से कार्य किए जा रहे हैं।