देहरादून। सामाजिक कार्यकर्ता एवं मुस्लिम मामलों के जानकार खुर्शीद अहमद ने मदरसों को शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता की बात पर सवाल उठाए हैं। कहा कि कहा कि मदरसा एवं स्कूली शिक्षा के लिए सरकार ने अलग अलग बोर्ड बना रखे हैं। सभी स्कूल शिक्षा एवं सभी मदरसे (मॉडर्न मदरसे सहित) मदरसा बोर्ड के अधीन होने चाहिए। उनके पाठ्यक्रम के अनुसार ही संचालित हो। दोनों बोर्ड एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ाना चाहते हैं तो उन किताबों में जो होगा, निसंदेह बच्चे पढ़ेंगे। उन्होंने लक्खीबाग 10 बी पर मजार में बने मदरसे को वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध बताने पर कहा कि मुतवल्ली ने रसीद काटी है तो मदरसा अवैध कैसे हुआ? इस पर मुतवल्ली एवं वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी तय हो। मुतवल्ली ने बोर्ड को नहीं बताया तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो।