विकासनगर()। गैर इरादतन हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने संदेह के आधार पर तीन आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। घटना वर्ष 2018 की है। ढकरानी में दो परिवारों में आपसी विवाद हुआ था। जिसमें तीन लोगों पर किसान पर फावड़े से हमला करने का आरोप था। जिस व्यक्ति पर हमले का आरोप था उसकी कुछ दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी, लेकिन अभियोजन पक्ष यह सिद्ध करने में असफल रहा कि मौत फावड़े से हमले के कारण ही हुई थी। रोशन देवी निवासी ढकरानी ने कोतवाली विकासनगर में तहरीर देकर बताया कि 15 जून 2018 को सुबह उनका पति शमसूदीन व बेटा साहिल घर पर थे। बड़ा बेटा समीर स्कूल गया था। तभी उनके घर के बाहर कासिम, मासूम, साहना और अरशद ने उनके पति और उन्हे गाली दी। इस पर उन्होंने विरोध किया। इसके बाद आरोपियों ने पति के साथ हाथापाई करनी शुरू कर दी। जिससे पति जमीन पर गिर पड़े। तभी जेठानी शाहना ने फावड़ा लाकर कासिम के हाथ में दिया। इसके बाद फावड़े से कासिम ने उनके पति के सिर पर वार किया और लोगों के हाथों में डंडे थे। उनके पति के कानों से खून आ रहा था। सिर से भी खून बह रहा था। मौके पर ही गांव के ज्ञानी व कुरडिया आ गए थे। ज्ञानी ने पति और उन्हें आरोपियों से छुड़वाया। कासिम उनके पीछे भी फावड़ा लेकर दौड़ा, लेकिन वह घर में जाकर छुप गई। आरोपियों ने उनके पति को जहर पिलाया। उसने शाहना के हाथ से जहर की शीशी छीनकर फेंकी। मारपीट के 13 दिन वाद इलाज के दौरान उनके पति की मौत हो गई थी। तहरीर के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ शांति भंग, धमकी देने और गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह ने सुनवाई की। जिसमें साक्ष्यों, गवाहों के आधार पर कोर्ट में तीनों आरोपियों मासूम, साहना और अरशद निवासी ढकरानी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।