उत्तराखंड

दुष्कर्म छेड़छाड़ के आरोप कोर्ट में नहीं टिके, आरोपी बरी

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देहरादून। नाबालिग से दुष्कर्म और छेड़खानी के पुलिस चार्जशीट में लगाए आरोप कोर्ट में ट्रायल में नहीं टिक पाए। साक्ष्यों के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज पंकज तोमर आरोपी को बरी कर दिया। दालत में पीड़िता और उसके परिजनों के बयानों में विरोधाभास पाया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष गुलाटी ने बताया कि मामला 26 मार्च 2020 को नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज किया हुआ था। 15 वर्षीय किशोरी के पिता ने शिकायत की थी कि मोबाइल की दुकान चलाने वाले राजन तोमर ने उनकी बेटी से छेड़खानी और दुष्कर्म किया है। पीड़िता ने अपने बयानों में बताया था कि वह राजन तोमर की दुकान पर मोबाइल का चार्जर लेने के लिए गई थी। राजन तोमर ने कहा कि लॉकडाउन चल रहा है चार्जर कमरे में है। वहां कमरे में राजन तोमर ने उसके साथ दुष्कर्म किया। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की कोई पुष्टि नहीं हुई। इसके साथ ही पीड़िता के बयानों में भी विरोधाभास पाया गया। पीड़िता ने एफआईआर के वक्त छेड़खानी की बात कही थी। जबकि, कोर्ट में दिए बयानों में दुष्कर्म बताया। किशोरी की मां ने बताया था कि कमरा किसी और का था। बचाव पक्ष ने कहा कि चार्जर को लेकर उसका किशोरी के पिता से झगड़ा हुआ था। इसकी तस्दीक बचाव पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए दो गवाहों ने भी की। इस तरह साक्ष्यों के अभाव में आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया।

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