अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से जारी, 2.73 लाख से अधिक लोगों ने किए दर्शन

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श्रीनगर , अमरनाथ यात्रा सुचारू और शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है। पिछले 16 दिनों में 2.73 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इसके अलावा, शनिवार को 6,365 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि तीन जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 2.73 लाख से अधिक यात्री पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।
अधिकारियों के अनुसार, 6,365 यात्रियों का एक नया जत्था दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के कैनाल रोड स्थित भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि पहला सुरक्षा काफिला सुबह 3:25 बजे रवाना हुआ, जिसमें 92 वाहनों के साथ 2,851 यात्री बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए। वहीं, दूसरा सुरक्षा काफिला सुबह 3:53 बजे रवाना हुआ, जिसमें 119 वाहनों के साथ 3,514 यात्री पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुए।
अब तक की यात्रा के दौरान 13 तीर्थयात्रियों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।
अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए लाया गया है। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां लाई गई हैं। पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित कर लिया गया है।
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं।
तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है।
श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।’

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