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इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में सहयोग से अमेरिका का इनकार

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वाशिंगटन। अमेरिका ने ईरान में हुए हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में आने-जाने (लॉजिस्टिकल) की दिक्कतों का हवाला देकर सहयोग करने से इनकार कर दिया है। इस हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन और छह अन्य लोगों की मौत हो गई। ईरान सरकार ने अमेरिका से जांच में मदद का आग्रह किया था।अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से प्रेस वार्ता में जब ईरान सरकार की ओर से मदद का आग्रह किए जाने के बाबत पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस तरह की स्थितियों में विदेशी सरकारों से आग्रह आने पर मदद करता है, लेकिन अमेरिका उसकी किसी भी तरह की मदद कर पाने में सक्षम नहीं है। अमेरिका काफी हद तक लॉजिस्टिकल कारणों से ईरान की मदद करने में सक्षम नहीं है।अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रईसी के प्रति संवेदना व्यक्त करने और एक मिनट के मौन में भाग लेने संबंधी सवाल पर मिलर ने कहा कि उनके देश का स्पष्ट मत है कि रईसी चार दशकों तक ईरानी लोगों के दमन में क्रूर भागीदार थे, लेकिन अमेरिका हेलीकॉप्टर दुर्घटना जैसी घटना में कोई भी जान जाने पर अफसोस व्यक्त करता है। लेकिन इससे ईरान में जज और राष्ट्रपति के तौर पर रईसी के रिकार्ड की हकीकत और यह तथ्य नहीं बदल जाता कि उनके हाथ खून से सने थे।मिलर ने कहा, “ईरान के प्रति हमारा मौलिक ध्ष्टिकोण न बदला है और न ही बदलेगा। हम ईरान के लोगों का समर्थन करना और उनके मानवाधिकारों, एक खुले व मुक्त समाज और लोकतांत्रिक भागीदारी की उनकी आकांक्षाओं की रक्षा करना जारी रखेंगे।”मिलर ने पूर्व ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया, जिन्होंने हादसे के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों को दोषी ठहराया था। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, “ईरानी सरकार ने आतंकवाद का समर्थन करने के लिए उपकरण ले जाने में अपने विमान का उपयोग किया। इसलिए हम अपने प्रतिबंधों को पूरी तरह से जारी रखेंगे, जिसमें ईरान सरकार द्वारा उपयोग के लिए विमानों पर प्रतिबंध शामिल हैं। अंतत: ईरानी सरकार ही खराब मौसम में 45 वर्ष पुराने हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए जिम्मेदार है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए रईसी और अन्य लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।

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