भाषा विवाद के बीच पीएम मोदी ने दिया बड़ा संदेश, कहा- मराठी में बोलूं या हिंदी में

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नई दिल्ली , देश के चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया, जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता उज्जवल निकम, केरल के प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर, भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और इतिहासकार मीनाक्षी जैन शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी मनोनीत सदस्यों को शुभकामनाएं दी हैं।
पीएम मोदी ने उज्ज्वल निकम को किया था फोन
राज्यसभा सांसद के लिए मनोनीत किए जाने के बाद उज्ज्वल निकम ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके पास पीएम मोदी का फोन आया था। फोन पर हुई इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उज्ज्वल निकम को राज्यसभा सदस्य बनने की बात कही थी। इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने हिंदी-मराठी भाषा विवाद के बीच एक बड़ा संदेश दिया। पीएम मोदी ने उज्ज्वल निकम को फोन करने के बाद उनसे पूछा- हिंदी में बोलूं या मराठी में। फिर पीएम मोदी ने निकम से मराठी में बात की। इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने भाषा विवाद के बीच यह संदेश देने की कोशिश की, हर भाषा का सम्मान होना चाहिए। पीएम मोदी से हुई बातचीत के बारे में उज्ज्वल निकम ने बताया कि उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महोदया आपको राज्यसभा में देखना चाहती हैं। वह आपको एक जिम्मेदारी सौंपना चाहती हैं। मैंने तुरंत हामी भर दी।
उज्ज्वल निकम ने आगे कहा कि लोकसभा में मेरी हार से लोगों को दुख हुआ था। नड्डा जी, अमित शाह जी और फडणवीस जी ने मुझे समझाया। उन्होंने कहा कि ऐसा जीवन में होता रहता है। उन्होंने कहा कि आगे बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। मेरा काम देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों पर कार्रवाई करना है।
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